देवेंद्र यादव के लिए आसान नहीं 'बिलासपुर' की राह:1.41 लाख वोट के गड्ढे को पाटना चुनौती

आखिरकार भाजपा के बाद कांग्रेस ने भी बिलासपुर लोकसभा सीट पर अपने उम्मीदवार की घोषणा कर दी है। भिलाई के युवा विधायक देवेंद्र सिंह यादव को कांग्रेस ने प्रत्याशी बनाया है। जातिगत समीकरण पर दांव खेलते हुए उन्हें मैदान में उतारा गया है, लेकिन देवेंद्र यादव के लिए इस सीट को जीतना आसान नहीं होगा।
छत्तीसगढ़ की 11 लोकसभा सीटों में सबसे हाईप्रोफाइल सीट बिलासपुर है। पहले यह सीट अनुसूचित जाति के लिए (SC) आरक्षित थी, लेकिन परिसीमन के बाद से बिलासपुर सामान्य सीट हो गई है। तब से लेकर केवल एक चुनाव में दिलीप सिंह जूदेव को छोड़कर लगातार भाजपा ने मुंगेली जिले के प्रत्याशी पर भरोसा जताया है।
हालांकि, अपनी रणनीति के तहत भाजपा भी पिछले तीन चुनाव से चेहरा बदल कर चुनाव जीतने में कामयाब होती रही है। ऐसे में इस बार भी भाजपा ने जातिगत समीकरण को ध्यान में रखते हुए नए प्रत्याशी और पूर्व विधायक तोखन साहू को उम्मीदवार बनाया है। इस स्थिति में कांग्रेस के लिए यह सीट किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं है।
राजनीति के जानकारों का मानना है कि अभी तक कांग्रेस पार्टी ने बिलासपुर लोकसभा सीट पर चेहरा देखकर प्रत्याशी तय किया है। इसके साथ ही प्रत्याशी चयन में नेताओं की गुटबाजी भी हावी रही है, लेकिन पहली बार कांग्रेस ने जातिगत समीकरण को ध्यान में रखते हुए यहां से प्रत्याशी तय किया है।
दरअसल, भाजपा के ओबीसी प्रत्याशी तोखन साहू के सामने जातिगत आधार पर उम्मीदवार चयन करना कांग्रेस के लिए चुनौती बन गई थी। साहू वर्ग के कैंडिटेड के मुकाबले कांग्रेस आलाकमान ने ओबीसी वर्ग के यादव समाज से भिलाई विधायक देवेंद्र यादव को मजबूत माना है। हालांकि, प्रदेश कांग्रेस के साथ ही स्थानीय कांग्रेस नेता यादव समाज के स्थानीय उम्मीदवार को कैंडिडेट बनाने का सुझाव दिया था, जिसे शीर्ष नेतृत्व ने नकारते हुए देवेंद्र यादव को ही सटीक माना।
बिलासपुर लोकसभा सीट पर कांग्रेस ने भाजपा की तरह जातिगत समीकरण के आधार पर कैंडिडेट तय करने की रणनीति बनाई। भाजपा ने ओबीसी वर्ग से साहू समाज के नेता का नाम तय किया। ऐसे में कांग्रेस चाहकर भी इस समाज के नेता का चयन नहीं कर पाई। यही वजह है कि इसके विकल्प के तौर पर ओबीसी वर्ग के यादव समाज के नेता की तलाश शुरू हुई, क्योंकि लोकसभा में यादव समाज के दो लाख से अधिक वोटर्स हैं, जो अगर एकजुट हो गए, तो निर्णायक भूमिका निभा सकते हैं।