36 घंटे में सामूहिक दुष्कर्म का पर्दाफाश – कबीरधाम पुलिस ने तीनों दरिंदों को किया गिरफ्तार

आरोपियों की धरपकड़ के लिए पुलिस ने 200 से अधिक संदिग्धों से की पूछताछ, तकनीकी साक्ष्यों और मुखबिर तंत्र से मिली सफलता

36 घंटे में सामूहिक दुष्कर्म का पर्दाफाश – कबीरधाम पुलिस ने तीनों दरिंदों को किया गिरफ्तार

कबीरधाम जिले में सामूहिक दुष्कर्म की घटना के बाद पुलिस ने तेज़ी से कार्रवाई करते हुए महज़ 36 घंटे में मुख्य आरोपी सहित तीनों अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया। उच्चस्तरीय मॉनिटरिंग, तकनीकी साक्ष्यों का गहन विश्लेषण और सतत छापामारी के जरिए पुलिस ने इस जघन्य वारदात का पर्दाफाश किया, जिससे आम जनता का पुलिस पर भरोसा और मजबूत हुआ है।

कबीरधाम। जिले में युवती के साथ हुए सामूहिक दुष्कर्म प्रकरण का खुलासा पुलिस ने केवल 36 घंटे में कर दिया। कबीरधाम पुलिस ने मुख्य आरोपी सहित तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर यह साबित कर दिया है कि महिलाओं के खिलाफ अपराधों के मामले में उसकी नीति “जीरो टॉलरेंस” की है।

गिरफ्तार आरोपियों में जितेन्द्र खरे उर्फ जित्तु (22), नसीम अहमद उर्फ छोटू (25) और मोहम्मद सरफराज उर्फ सफ्फु (21) शामिल हैं, जो सभी कवर्धा शहर के अलग-अलग मोहल्लों के रहने वाले हैं।

पीड़िता की रिपोर्ट पर महिला थाना कवर्धा में अपराध दर्ज कर जांच प्रारंभ की गई। शिकायत के मुताबिक, तीनों युवकों ने पीड़िता को जबरन बाइक पर बिठाकर सुनसान इलाके में ले जाकर बारी-बारी से दुष्कर्म किया और धमकी दी कि यदि घटना की जानकारी किसी को दी तो जान से मार देंगे।

मामले की गंभीरता को देखते हुए राजनांदगांव रेंज के आईजी अभिषेक शांडिल्य ने इसकी निगरानी की। वहीं एसपी धर्मेन्द्र सिंह के नेतृत्व और एएसपी पुष्पेंद्र बघेल व पंकज पटेल सहित डीएसपी स्तर के अधिकारियों की देखरेख में कई विशेष टीमें गठित की गईं। इन टीमों ने आरोपियों की तलाश में जिलेभर में छापामारी की।

पुलिस ने करीब 150 से 200 संदिग्धों से पूछताछ की, साथ ही सीसीटीवी फुटेज, मोबाइल लोकेशन और तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर आरोपियों तक पहुँची। पीड़िता द्वारा की गई पहचान पर आरोपियों की पुष्टि हुई और उन्होंने अपराध स्वीकार भी कर लिया।

जांच में सामने आया कि तीनों आरोपी पहले भी चोरी जैसे अपराधों में जेल जा चुके हैं और आदतन अपराधी हैं। इस कार्रवाई में महिला थाना प्रभारी उप निरीक्षक भुनेश्वरी साहू राठौर सहित जिले की कई पुलिस टीमों और साइबर सेल ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

पुलिस ने कहा कि महिलाओं की सुरक्षा के खिलाफ अपराध करने वालों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा। साथ ही समाज से अपील की गई है कि अफवाहों पर ध्यान न दें और पीड़िता की गोपनीयता एवं गरिमा बनाए रखने में सहयोग करें।