दुर्ग यूनिवर्सिटी की वेबसाइट हैक...PM मोदी को दी गालियां:पाकिस्तान जिंदाबाद लिखा, 3 महीने में तीसरी बार हैक, शाम तक हैकर्स के कंट्रोल में रही

दुर्ग  यूनिवर्सिटी की वेबसाइट हैक...PM मोदी को दी गालियां:पाकिस्तान जिंदाबाद लिखा, 3 महीने में तीसरी बार हैक, शाम तक हैकर्स के कंट्रोल में रही

दुर्ग।  छत्तीसगढ़ के दुर्ग के हेमचंद यादव विश्वविद्यालय की वेबसाइट सोमवार को हैक हो गई। पाकिस्तानी हैकर्स ने वेबसाइट को हैक कर पीएम मोदी को गाली लिखी पोस्टर अपलोड कर दिया। जब छात्रों ने वेबसाइट ओपन की तो सामने पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे चिपके नजर आए।   

हैकर्स ने पोस्ट डालकर भारत का मजाक उड़ाया। यह मामला सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। जिससे विश्वविद्यालय प्रशासन की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े हो गए। हर बार की तरह इस बार भी न तो विश्वविद्यालय प्रबंधन को इसकी भनक लगी और न ही वेबसाइट संभालने वाली निजी एजेंसी को। छात्रों ने जब वेबसाइट खोली तब जाकर खुलासा हुआ।    

3 महीने में तीसरी बार हैकिंग

पहली बार – 7 जुलाई 2025 दूसरी बार – 7 सितंबर 2025 तीसरी बार – 8 सितंबर 2025

छात्रों के कामकाज ठप, गुस्से में स्टूडेंट

परीक्षा रिजल्ट और एडमिशन से जुड़ा हर काम इसी वेबसाइट पर निर्भर है। लगातार हैकिंग से छात्रों को बार-बार परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। सोमवार शाम तक वेबसाइट हैकर्स के कब्जे में रही। शाम के बाद इसे सुधारा गया।

इस बीच वेबसाइट के स्क्रीन शॉट तेजी से वायरल हो गए। छात्रों का कहना है कि, ये सिर्फ पढ़ाई का मामला नहीं, बल्कि देश की सुरक्षा से भी जुड़ा सवाल है।   

पहले भी हैक हुई वेबसाइट पर नहीं लिया सबक

दुर्ग विश्वविद्यालय की वेबसाइट पहले भी हैक हो चुकी है। लेकिन इसे अब तक सही नहीं कराया गया। पहली बार जब वेबसाइट हैक हुई थी, उस समय विश्वविद्यालय प्रबंधन ने कहा था कि वेबसाइट का एनआईसी से ऑडिट कराया जाएगा। लेकिन अब तक प्रक्रिया शुरू नहीं हो सकी। तीसरी बार हैकिंग के बावजूद सुरक्षा इंतजाम जस के तस हैं।

निजी एजेंसी पर उठे सवाल

दुर्ग विश्वविद्यालय की वेबसाइट एक निजी एजेंसी देखती है। लेकिन वो भी वेबसाइट को हैक होने से रोकने में नाकाम साबित हुई। वेबसाइट को संभालने वाली एजेंसी हर बार अनजान बनी रही।

विशेषज्ञों का कहना है कि अगर बार-बार हैकिंग हो रही है तो सर्वर सिक्योरिटी और बैकअप सिस्टम को तत्काल बदलना चाहिए। फिलहाल एजेंसी की लापरवाही सबसे बड़ा सवाल है।   

प्रशासन का दावा- अब सख्ती होगी

विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना है कि, इस बार वेबसाइट को सुरक्षित करने की ठोस तैयारी की जा रही है। हालांकि, छात्रों का मानना है कि जब तक जिम्मेदारी किसी सक्षम सरकारी एजेंसी को नहीं सौंपी जाएगी, तब तक ऐसी घटनाएं बार-बार दोहराई जाती रहेंगी।