CBSE का बड़ा फैसला: अब नहीं मिलेगी माइग्रेशन सर्टिफिकेट की हार्ड कॉपी, डिजीलॉकर से करना होगा डाउनलोड

CBSE का बड़ा फैसला: अब नहीं मिलेगी माइग्रेशन सर्टिफिकेट की हार्ड कॉपी, डिजीलॉकर से करना होगा डाउनलोड

CBSE ने 2026–27 सत्र से माइग्रेशन सर्टिफिकेट की हार्ड कॉपी भेजना बंद किया, अब सभी छात्रों को डिजिटल कॉपी डिजीलॉकर के माध्यम से मुफ्त में मिलेगी — UGC ने भी डिजिटल सर्टिफिकेट को मान्यता दी।

नई दिल्ली। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने शिक्षा प्रणाली को पूरी तरह डिजिटल बनाने की दिशा में एक अहम कदम उठाया है। अब बोर्ड किसी भी छात्र को माइग्रेशन सर्टिफिकेट की हार्ड कॉपी जारी नहीं करेगा। इसके स्थान पर छात्रों को यह प्रमाणपत्र डिजीलॉकर (DigiLocker) पर डिजिटल रूप में उपलब्ध कराया जाएगा। यह व्यवस्था शैक्षणिक सत्र 2026–27 से लागू होगी।

मुख्य समाचार (Rewritten in Newspaper Style):

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने एक बड़ा बदलाव करते हुए घोषणा की है कि अब बोर्ड किसी भी छात्र को माइग्रेशन सर्टिफिकेट की भौतिक प्रति (Hard Copy) नहीं भेजेगा।

बोर्ड ने कहा है कि सभी विद्यार्थियों को डिजिटल माइग्रेशन सर्टिफिकेट डिजीलॉकर (DigiLocker) के माध्यम से प्राप्त होगा, जिसे वे आसानी से ऑनलाइन डाउनलोड कर सकेंगे।

यदि किसी छात्र को फिर भी हार्ड कॉपी की आवश्यकता होती है, तो उसे CBSE की आधिकारिक वेबसाइट cbseit.in

 पर ऑनलाइन आवेदन करना होगा।

माइग्रेशन सर्टिफिकेट डाउनलोड करने की प्रक्रिया:

छात्र अब बिना किसी स्कूल या CBSE कार्यालय जाए, अपने घर से ही माइग्रेशन सर्टिफिकेट प्राप्त कर सकेंगे। इसके लिए उन्हें निम्नलिखित चरणों का पालन करना होगा —

DigiLocker वेबसाइट या मोबाइल ऐप पर जाएं।

अपने रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर या आधार नंबर से लॉगिन करें।

“Issued Documents” सेक्शन में जाएं और “CBSE Documents” पर क्लिक करें।

“Migration Certificate” का विकल्प चुनें।

दस्तावेज स्क्रीन पर दिखाई देगा, जिसे जांचकर डाउनलोड करें।

छात्र चाहें तो इसका प्रिंट निकालकर अपने पास सुरक्षित रख सकते हैं।

UGC ने दी डिजिटल सर्टिफिकेट को मान्यता:

CBSE के इस निर्णय के बाद विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने सभी उच्च शिक्षण संस्थानों को निर्देश जारी किए हैं कि वे डिजिटल माइग्रेशन सर्टिफिकेट को वैध मानें। यानी अब कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में प्रवेश के लिए हार्ड कॉपी की आवश्यकता नहीं रहेगी।

छात्रों के लिए राहत और सुविधा:

बोर्ड ने स्पष्ट किया है कि इस नई प्रणाली के तहत छात्रों से कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लिया जाएगा। माइग्रेशन सर्टिफिकेट सीधे डिजीलॉकर पर मुफ्त में उपलब्ध रहेगा। इससे न केवल प्रक्रिया तेज़ और पारदर्शी बनेगी, बल्कि कागज़ और समय दोनों की बचत होगी।

डिजिटल एजुकेशन सिस्टम की दिशा में कदम:

सीबीएसई के अधिकारी के अनुसार, यह कदम बोर्ड की “डिजिटल इंडिया” और “पेपरलेस एजुकेशन” नीति के अनुरूप है। इससे दस्तावेज़ों की सुरक्षा और प्रमाणिकता दोनों सुनिश्चित होंगी, साथ ही विद्यार्थियों को अब हर जगह दस्तावेज़ ले जाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।