10वीं के बाद भी कर सकते हैं इंजीनियरिंग, इन डिप्लोमा कोर्स में लें एडमिशन

भारत में इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के बहुत ऑप्शन हैं. स्टूडेंट्स अपनी सुविधा और बजट के हिसाब से इंजीनियरिंग के डिग्री या डिप्लोमा कोर्स में एडमिशन ले सकते हैं. 10वीं के बाद पॉलिटेक्निक या आईटीआई जैसे संस्थान इंजीनियरिंग में डिप्लोमा की सुविधा देते हैं. इनकी ड्यूरेशन 2-3 साल होती है.

10वीं के बाद भी कर सकते हैं इंजीनियरिंग, इन डिप्लोमा कोर्स में लें एडमिशन

देश के टॉप इंजीनियरिंग कॉलेज से बीटेक करने के लिए जेईई परीक्षा या अन्य इंजीनियरिंग एंट्रेंस एग्जाम पास करने जरूरी हैं. बीटेक कोर्स 4 साल का होता है. इसकी फीस भी ज्यादा होती है. जो स्टूडेंट्स 4 साल के महंगे बीटेक कोर्स में एडमिशन नहीं ले सकते हैं, वह 10वीं या 12वीं के बाद इंजीनियरिंग डिप्लोमा कोर्स की पढ़ाई कर सकते हैं. इसमें उनके समय और पैसे, दोनों की बचत होगी.

इंजीनियरिंग डिप्लोमा कोर्स का सर्टिफिकेट मिलते ही स्टूडेंट्स नौकरी का तलाश शुरू कर सकते हैं. कई कंपनियां इंजीनियरिंग में डिप्लोमा करने वाले युवाओं को नौकरी देती हैं. इंजीनियरिंग में डिप्लोमा करने के बाद कहां नौकरी कर सकते हैं, इसकी पूरी जानकारी आप जॉब साइट्स पर ढूंढ सकते हैं. बीटेक की तुलना में इंजीनियरिंग डिप्लोमा कोर्स में एडमिशन हासिल करना आसान है. यहां चेक करिए 10वीं के बाद इंजीनियरिंग डिप्लोमा कोर्स की पूरी लिस्ट (Diploma in Engineering).

Engineering Courses after 10th: 10वीं के बाद इंजीनियरिंग कैसे करें?
इंजीनियरिंग डिप्लोमा कोर्स एक प्रोफेशनल कोर्स है. यह स्टूडेंट्स को इंजीनियरिंग के किसी खास क्षेत्र में ट्रेनिंग प्रदान करता है. इंजीनियरिंग डिप्लोमा कोर्स आमतौर पर 3 साल का होता है. इसमें थ्योरी और प्रैक्टिकल, दोनों पहलुओं पर फोकस किया जाता है.

Types of Engineering Diploma Courses: इंजीनियरिंग डिप्लोमा कोर्स के प्रकार
1. सिविल इंजीनियरिंग डिप्लोमा
2. मैकेनिकल इंजीनियरिंग डिप्लोमा
3. इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग डिप्लोमा
4. इलेक्ट्रॉनिक्स और कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग डिप्लोमा
5. कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग डिप्लोमा
6. ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग डिप्लोमा
7. एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग डिप्लोमा
8. मैक्सिमम पॉवर इंजीनियरिंग डिप्लोमा
9. टेक्सटाइल इंजीनियरिंग डिप्लोमा
10. फूड टेक्नोलॉजी इंजीनियरिंग डिप्लोमा

Engineering Diploma Courses Benefits: इंजीनियरिंग डिप्लोमा कोर्स के क्या फायदे हैं?
इंजीनियरिंग डिप्लोमा कोर्स करने के कई फायदे हैं (Diploma in Engineering). एडमिशन लेने से पहले आपको इनकी जानकारी होनी चाहिए-

  1. प्रोफेशनल नॉलेज और स्किल्स
    2. इंडस्ट्री में प्रवेश के लिए तैयारी
    3. हायर एजुकेशन के अवसर
    4. विशेषज्ञता में विकास
    5. अच्छी नौकरी के अवसर

Diploma in Engineering Eligibility Criteria: इंजीनियरिंग डिप्लोमा कोर्स में कौन एडमिशन ले सकता है?
1. 10वीं पास
2. विज्ञान और गणित विषयों में अच्छे अंक
3. एंट्रेंस एग्जाम स्कोर

Diploma in Engineering Career Options: इंजीनियरिंग डिप्लोमा कोर्स के बाद करियर विकल्प
1. जूनियर इंजीनियर
2. टेक्नीशियन
3. असिस्टेंट इंजीनियर
4. प्रोडक्शन इंजीनियर
5. क्वॉलिटी कंट्रोल इंजीनियर
6. रिसर्च एंड डेवलपमेंट इंजीनियर
7. लेक्चरर/प्रोफेसर
यहां इस बात का ध्यान रखना जरूरी है कि इंजीनियरिंग डिप्लोमा कोर्स की पात्रता मानदंड और करियर विकल्प राज्य और संस्थान के अनुसार अलग हो सकते हैं.

10वीं के बाद इंजीनियरिंग में डिप्लोमा कैसे करें?
10वीं के बाद इंजीनियरिंग में डिप्लोमा नीचे लिखे संस्थानों से कर सकते हैं-

ऑप्शन 1: पॉलिटेक्निक/डिप्लोमा इन इंजीनियरिंग
– 10वीं के बाद पॉलिटेक्निक या डिप्लोमा इन इंजीनियरिंग में एडमिशन ले सकते हैं.
– यह कोर्स आमतौर पर 3 साल का होता है.
– इसके बाद बी.टेक में लेटरल एंट्री कर सकते हैं (सेकंड ईयर में एडमिशन).

ऑप्शन 2: आईटीआई (इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट)
– 10वीं के बाद आईटीआई में एडमिशन ले सकते हैं.
– यह कोर्स आमतौर पर 1-2 साल का होता है.
– इसके बाद इंजीनियरिंग क्षेत्र में टेक्नीशियन के तौर पर काम कर सकते हैं.

ऑप्शन 3: बी.टेक/बी.ई. (लेटरल एंट्री)
– 10वीं के बाद 12वीं की जगह बी.टेक/बी.ई. में लेटरल एंट्री करना संभव नहीं है.
– पॉलिटेक्निक/डिप्लोमा इन इंजीनियरिंग के बाद बी.टेक/बी.ई. में लेटरल एंट्री कर सकते हैं.