कच्चा पपीता डायबिटीज में वरदान:त्वचा पर नहीं दिखेगा उम्र का असर, आर्थराइटिस में भी फायदेमंद; पर प्रेग्नेंसी में खतरनाक, खाने का सही तरीका जानें
कच्चा पपीता डायबिटीज में वरदान:त्वचा पर नहीं दिखेगा उम्र का असर, आर्थराइटिस में भी फायदेमंद; पर प्रेग्नेंसी में खतरनाक, खाने का सही तरीका जानें

पके पपीते के फायदे से तो आप वाकिफ ही होंगे। यह भी सुना होगा कि पका पपीता ही एक ऐसा फल है जिसमें लगभग सभी विटामिन पाए जाते हैं। स्वाद और सेहत से भरपूर पपीता कच्चा भी खाया जा सकता है। कच्चे पपीते का स्वाद कई मायनों में पके पपीते से कम होता है, लेकिन सेहत के लिए ये किसी भी मायने में कम फायदेमंद नहीं।
लेकिन कुछ स्थिति में कच्चा पपीता नुकसानदेह भी हो सकता है। ऐसे में कच्चा पपीता को सब्जी, सलाद, सूप या स्मूदी के रूप में खाने से पहले ये बातें जान लें। साथ में यह भी कि इसे खाने का सही तरीका क्या है।
डायबिटिक लोगों के लिए आलू का विकल्प है कच्चा पपीता
न्यूट्रिशनिस्ट प्रियंका सिंह बताती हैं- विटामिन-बी, विटामिन-सी, पोटैशियम, फाइबर, फोलेट, आयरन और मैग्नीशियम के अलावा कच्चा पपीता में फाइबर भी भरपूर मात्रा में पाया जाता है। दूसरे पोषक तत्व इम्यूनिटी को बूस्ट कर बीमारियों से लड़ने की ताकत देते हैं। वहीं, फाइबर मोटापा को कम करता है। डायबिटीज के मरीज के लिए तो कच्चा पपीता वरदान है। यह ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने में मददगार है। डायबिटिक कच्चा पपीता को आलू का विकल्प बना सकते हैं।
साथ ही पपीते में मौजूद पैपिन पाचनतंत्र को दुरुस्त रखता है। इसे गैस और कब्ज से राहत मिल सकती है। साथ ही कच्चा पपीता पेट के पीएच लेवल को भी मेंटेन रखता है।
फाइब्रिन रखेगा दिल को दुरुस्त, खून पतला करता है
कच्चा पपीता में फाइब्रिन पाया जाता है। जो खून को थक्का बनने से रोकता है। जिसके चलते हार्ट अटैक की संभवना काफी कम हो जाती है। यही वजह है कि दिल के मरीजों को कच्चा पपीता खाने की सलाह दी जाती है।