कब है सकट चौथ, मौनी अमावस्या, षटतिला एकादशी, बसंत पंचमी? देखें माघ व्रत-त्योहार की लिस्ट

हिंदू कैलेंडर का 11 माह माघ पौष पूर्णिमा के बाद से प्रारंभ होता है. माघ महीना 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस से शुरू हो रहा है. माघ माह के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि 25 जनवरी को रात 11ः23 पीएम से शुरू होगी. काशी के ज्योतिषचार्य चक्रपाणि भट्ट से जानते हैं माघ माह के प्रमुख व्रत और त्योहार कौन से हैं?

कब है सकट चौथ, मौनी अमावस्या, षटतिला एकादशी, बसंत पंचमी? देखें माघ व्रत-त्योहार की लिस्ट

हिंदू कैलेंडर का 11 माह माघ पौष पूर्णिमा के बाद से प्रारंभ होता है. इस साल पौष पूर्णिमा 25 जनवरी गुरुवार को है और माघ महीना 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस से शुरू हो रहा है. पंचांग के अनुसार, माघ माह के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि 25 जनवरी को रात 11ः23 पीएम से शुरू होगी और यह तिथि 26 जनवरी को देर रात 01ः19 एएम तक है. माघ माह में सकट चौथ, मौनी अमावस्या, षटतिला एकादशी, बसंत पंचमी, माघ पूर्णिमा, जया एकादशी, प्रदोष व्रत, विनायक चतुर्थी जैसे महत्वपूर्ण व्रत और त्योहार आने वाले हैं. काशी के ज्योतिषचार्य चक्रपाणि भट्ट से जानते हैं माघ माह के प्रमुख व्रत और त्योहार कौन से हैं?

माघ मास 2024 के व्रत और त्योहार का कैलेंडर

26 जनवरी, शुक्रवारः माघ मास का प्रारंभ, गणतंत्र दिवस
29 जनवरी, सोमवारः सकट चौथ, लंबोदर संकष्टी चतुर्थी व्रत
6 फरवरी, मंगलवारः षटतिला एकादशी
7 फरवरी, बुधवारः बुध प्रदोष व्रत
8 फरवरी, गुरुवारः माघ मासिक शिवरात्रि
9 फरवरी, शुक्रवारः मौनी अमावस्या, माघी अमावस्या, माघ अमावस्या
10 फरवरी, शनिवारः माघ गुप्त नवरात्रि प्रारंभ, माघ शुक्ल पक्ष की शुरूआत

13 फरवरी, मंगलवारः माघी विनायक चतुर्थी, कुंभ संक्रांति
14 फरवरी, बुधवारः सरस्वती पूजा, बसंत पंचमी
16 फरवरी, शुक्रवारः भीष्म अष्टमी, रथ सप्तमी, नर्मदा जयंती
17 फरवरी, शनिवारः माघ मासिक दुर्गाष्टमी
20 फरवरी, मंगलवारः जया एकादशी
21 फरवरी, बुधवारः बुध प्रदोष व्रत
24 फरवरी, शनिवारः माघ पूर्णिमा व्रत, माघ पूर्णिमा स्नान-दान

फरवरी 2024 में होने वाले ग्रह-गोचर
1. 1 फरवरीः बुध का गोचर मकर राशि में
2. 5 फरवरीः मंगल का गोचर मकर राशि में
3. 12 फरवरीः शुक्र का गोचर मकर राशि में
4. 13 फरवरीः सूर्य का गोचर कुंभ राशि में

कुंभ संक्रांति 2024
इस साल कुंभ संक्रांति 13 फरवरी दिन मंगलवार को है. कुंभ संक्रांति के दिन पवित्र नदियों में स्नान करते हैं और दान देते हैं. नदी स्नान नहीं कर सकते हैं तो घर पर ही स्नान कर लें. कुंभ संक्रांति का क्षण दोपहर 03 बजकर 54 मिनट पर है. कुंभ संक्रांति का पुण्य काल 6 घंटे 08 मिनट का होगा. पुण्य काल सुबह 09ः46 एएम से दोपहर 03ः54 पीएम तक है.