रोहिणी नक्षत्र में जन्मे लोगों की 10 खास बातें, जो उनको दूसरों से बनाती हैं विशेष

आज जन्माष्टमी मनाई जा रही है. भगवान श्रीकृष्ण का जन्म रात्रि में रोहिणी नक्षत्र में भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को हुआ था. रोहिणी नक्षत्र में जन्मे लोग दूसरों से अलग और विशेष गुणों वाले होते हैं. रोहिणी नक्षत्र में जन्म लेने वाले लोगों का व्यक्तित्व कैसा होता है? इस बारे में विस्तार से जानते हैं.

रोहिणी नक्षत्र में जन्मे लोगों की 10 खास बातें, जो उनको दूसरों से बनाती हैं विशेष

द्वापर युग में भगवान श्रीकृष्ण का जन्म रात्रि के समय में रोहिणी नक्षत्र में भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को हुआ था. 27 नक्षत्रों में रोहिणी नक्षत्र का चौथा स्थान है. इसके प्रमुख देव ब्रह्मा जी हैं और स्वामी ग्र​ह शुक्र है. रोहिणी नक्षत्र स्वभाव से शुभ है. कहते हैं कि 27 नक्षत्रों का विवाह चंद्र देव से हुआ और उनमें रोहिणी सबसे सुंदर हैं. आज जन्माष्टमी के अवसर पर जानते हैं कि रोहिणी नक्षत्र में जन्म लेने वाले लोगों का व्यक्तित्व कैसा होता है? इस बारे में विस्तार से बता रहे हैं श्री कल्लाजी वैदिक विश्वविद्यालय के ज्योतिष विभागाध्यक्ष डॉ. मृत्युञ्जय तिवारी.

रोहिणी नक्षत्र में जन्मे लोगों की विशेषताएं
1. जिन लोगों का जन्म रोहिणी नक्षत्र में होता है, वे लोग काफी लोकप्रिय होते हैं. वे सत्य के मार्ग पर चलने वाले और सद्कर्म में विश्वास रखते हैं.

2. रोहिणी नक्षत्र के लोग अपने लक्ष्य के प्रति समर्पित होते हैं. उसे हासिल करने के लिए हर संभव प्रयास करते हैं. इनकी दृढ़ इच्छाशक्ति ही सफलता का बड़ा राज है.

3. ऐसे लोगों का मन काफी चंचल होता है और रचनात्मक कार्यों में अधिक लगता है. वे व्यवहारिक होते हैं और अपनी मधुर बातों से लोगों को प्रभावित कर लेते हैं. 3. ऐसे लोगों का मन काफी चंचल होता है और रचनात्मक कार्यों में अधिक लगता है. वे व्यवहारिक होते हैं और अपनी मधुर बातों से लोगों को प्रभावित कर लेते हैं. 

4. रोहिणी नक्षत्र मे जन्मे लोगों को समाज में पद और प्रतिष्ठा प्राप्त होती है. इनकी मित्रता का दायरा बड़ा होता है.

5. ऐसे लोग कला प्रेमी होते हैं और धार्मिक कार्यों में इनका मन लगता है. इनके पास धन और दौलत की कोई कमी नहीं रहती है.

6. जिन लड़कियों का जन्म रोहिणी नक्षत्र में होता है, वे काफी सुंदर, मृदुभाषी, माता और पिता की प्रिय, पति के प्रति समर्पित और संतान सुख पाने वाली होती हैं. 

7. इस नक्षत्र के लोग काम को व्यवस्थित तरीके से करना पसंद करते हैं. इनको परिवर्तन से कोई डर नहीं लगता. ये बदलाव का स्वागत करते हैं.

8. रोहिणी नक्षत्र के लोगों का भाग्योदय युवावस्था में होता है. करीब 30 की उम्र में उनका भाग्योदय हो जाता है. शुक्र के प्रभाव के कारण भौतिक सुख और सुविधाओं की कोई कमी नहीं होती है.