छोटे बच्चों को क्यों पहनाते हैं चांदी के गहने, ज्योतिष शास्त्र में बताए गए हैं कई लाभ, पायल-कड़े का खास महत्व
छोटे बच्चों को क्यों पहनाते हैं चांदी के गहने, ज्योतिष शास्त्र में बताए गए हैं कई लाभ, पायल-कड़े का खास महत्व

हिंदू धर्म में अक्सर देखने में आता है, कि बच्चे के जन्म के कुछ दिनों बाद ही उसे कई तरह के गहने पहनाए जाते हैं. उसके हाथों और पैरों में चांदी से बने गहने पहनाते हैं. हमारे देश में बच्चों के लिए धार्मिक और सांस्कृतिक रूप से गहने पहनना काफी आम बात है. भारत में शिशु को हाथ में पहनाए जाने वाले कंगन और पैरों में पहनाए जाने वाली पायल, गले की चेन जैसे कई प्रकार के गहने पहनाने की प्रथा काफी लंबे समय से चली आ रही है. मुख्य रूप से बच्चों को हाथों में चांदी के कड़े और पैरों में पायल पहनाने की प्रथा है. भोपाल निवासी ज्योतिषी एवं वास्तु सलाहकार पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा बता रहें हैं कि बच्चों को चांदी पहनना किस तरह से फायदेमंद होता है.
बच्चों को चांदी के गहने पहनाने के फायदे
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार छोटे बच्चों को पैरों में पायल गले में चेन, हाथों में चांदी के कड़े आदि पहनाए जाने चाहिए. चांदी को चंद्रमा की धातु माना जाता है और यह मन का प्रतीक भी है. इसके अलावा विज्ञान मानता है कि चांदी एक प्रतिक्रियाशील धातु है और शरीर से निकलने वाली ऊर्जा को वापस शरीर में ही पहुंचा देती है.
इन सबके अलावा चांदी एक कीटाणु नाशक धातु भी मानी जाती है. चांदी में रोगों से लड़ने की क्षमता होती है. ऐसे में चांदी शरीर में अवश्य धारण करनी चाहिए. चांदी बीमारियों से लड़ने की क्षमता बढ़ाती है. चांदी पहनने से सेहत पर भी अच्छा प्रभाव पड़ता है. माना जाता है बच्चों को चांदी पहनाने से बच्चों को कीटाणु और रोग कम होते हैं और बच्चे सेहतमंद रहते हैं.
यह भी माना जाता है कि चांदी पहनने से बच्चे के मानसिक विकास में कोई कमी नहीं रहती. चांदी को मन का कारक माना जाता है. इसलिए बच्चे को चांदी पहनाने से उसका मानसिक विकास अच्छी तरह से होता है, और उसके मन पर भी इसका सकारात्मक प्रभाव पड़ता है. इन्हीं सब कारणों के चलते बच्चों को चांदी के कड़े और पायलें पहनाई जाती है.