छत्तीसगढ़ में अब बिना ट्रेड लाइसेंस नहीं खुलेंगी दुकानें; गुमटी से मॉल तक सब पर नियम लागू
192 नगरीय निकायों में एक साथ नियम लागू, 10–30 हजार तक सालाना शुल्क; दो साल की वैधता और देर होने पर पेनल्टी भी तय
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छत्तीसगढ़ सरकार ने अब पूरे प्रदेश में दुकान संचालन के लिए ट्रेड लाइसेंस को अनिवार्य कर दिया है। गुमटी, कच्ची दुकान से लेकर मॉल की दुकानों तक सभी को यह लाइसेंस लेना होगा। शुक्रवार को जारी अधिसूचना के बाद 192 नगरीय निकायों में यह नियम लागू कर दिया गया है। नगर निगम क्षेत्रों में अधिकतम शुल्क 30 हजार रुपये तय किया गया है।
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रायपुर। छत्तीसगढ़ में अब बिना ट्रेड लाइसेंस कोई भी दुकान संचालित नहीं की जा सकेगी। चाहे गुमटी हो, कच्ची दुकान हो या मॉल में मौजूद शोरूम—सबको अनिवार्य रूप से ट्रेड लाइसेंस लेना होगा। नगरीय प्रशासन विभाग ने शुक्रवार को राजपत्र में अधिसूचना जारी करते हुए राज्य के 192 नगरीय निकायों में एकसमान नियम लागू कर दिया है।
अब तक केवल 45 निकायों में यह व्यवस्था थी, लेकिन सभी जगहों पर शुल्क अलग-अलग होने के कारण व्यापारी असमंजस में रहते थे। नए नियम लागू होने के बाद अब पूरा सिस्टम एकसमान हो गया है। नगर निगम क्षेत्र में दुकानों के लिए अधिकतम शुल्क 30 हजार, नगर पालिका में 20 हजार और नगर पंचायत में 10 हजार रुपये सालाना तय किया गया है। शुल्क हर दो वर्ष में 5% बढ़ेगा, जबकि दुकानदार चाहें तो एक बार में 10 साल के लिए लाइसेंस भी ले सकते हैं।
मॉल की दुकानों पर भी लागू
अब मॉल की हर दुकान को अलग-अलग ट्रेड लाइसेंस लेना होगा। सिर्फ किराया या कॉम्प्लेक्स की फीस से काम नहीं चलेगा।
लाइसेंस क्यों जरूरी?
ट्रेड लाइसेंस लेने से दुकान को आधिकारिक दर्जा मिलेगा और व्यापारी बैंक से लोन सहित कई सरकारी योजनाओं का लाभ आसानी से ले सकेंगे। अब तक ज्यादातर व्यापारी श्रम विभाग का गुमाश्ता लेते थे, लेकिन ट्रेड लाइसेंस केवल वही लेते थे जिन्हें जरूरत पड़ती थी। अब हर दुकान पर यह अनिवार्य होगा।
शुल्क का आधार
सड़क और बाजार के आधार पर फीस तीन श्रेणियों में बांटी गई है—
मोहल्ला बाजार : ₹4 प्रति वर्गफुट
मध्यम बाजार : ₹5 प्रति वर्गफुट
बड़ा बाजार : ₹6 प्रति वर्गफुट
हालांकि नगर निगम क्षेत्र में शुल्क की अधिकतम सीमा 30 हजार रुपये तय है, इससे अधिक शुल्क नहीं लिया जाएगा।
वाहन से दुकान चलाने वालों पर भी शुल्क
मिनी ट्रक, जीप, पिकअप वैन आदि में दुकान चलाने वाले अब लाइसेंस के दायरे में आएंगे।
नगर निगम : ₹400
नगर पालिका : ₹300
नगर पंचायत : ₹200
वहीं गुमटी या कच्ची दुकान पर
निगम : ₹250
पालिका : ₹150
पंचायत : ₹100 सालाना शुल्क निर्धारित है।
लाइसेंस नवीनीकरण में देरी पर जुर्माना
ट्रेड लाइसेंस न्यूनतम दो साल के लिए मिलेगा।
6 महीने बाद : ₹10 प्रति दिन
1 साल की देरी : दुकान सील करने की कार्रवाई
नियम के लागू होने के बाद अब प्रदेशभर के व्यापारियों को निश्चित अवधि में लाइसेंस लेकर ही दुकान संचालन करने की अनुमति होगी, अन्यथा कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।
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