80 हजार दो, गाड़ी ले जाओ… रिश्वत मांगने वाला प्रधान आरक्षक निलंबित, मामले का ऐसा हुआ खुलासा
एक प्रधान आरक्षक पर गाड़ी वापस दिलाने के बदले 80 हजार रुपये की रिश्वत मांगने का आरोप लगा है। पीड़ित की शिकायत पर पुलिस अधीक्षक ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी प्रधान आरक्षक को निलंबित कर दिया है...
छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा जिले से पुलिस महकमे को शर्मसार करने वाला रिश्वतखोरी का एक गंभीर मामला सामने आया है। यहां एक प्रधान आरक्षक पर गाड़ी वापस दिलाने के बदले 80 हजार रुपये की रिश्वत मांगने का आरोप लगा है। पीड़ित की शिकायत पर पुलिस अधीक्षक ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी प्रधान आरक्षक को निलंबित कर दिया है और मामले की जांच के आदेश दिए हैं।
जानिए क्या है पूरा मामला
जानकारी के अनुसार, मड़वा निवासी टी. आर. साहू ने अपनी एक गाड़ी किसी अन्य व्यक्ति के पास गिरवी रखी थी। किसी कारणवश गाड़ी को वापस दिलाने का विवाद पुलिस तक पहुंचा। इसी दौरान प्रधान आरक्षक विनोद दिवाकर ने प्रार्थी को भरोसा दिलाया कि वह गाड़ी वापस दिला सकता है, लेकिन इसके एवज में उसने 80 हजार रुपये की रिश्वत की मांग की।
शिकायत के बाद एसपी ने की कार्रवाई
प्रधान आरक्षक की कथित रिश्वत मांग से परेशान होकर पीड़ित ने सीधे पुलिस अधीक्षक विजय कुमार पांडे से शिकायत की। शिकायत को गंभीरता से लेते हुए एसपी ने तत्काल कार्रवाई की और प्रथम दृष्टया दोषी पाए जाने पर प्रधान आरक्षक विनोद दिवाकर को निलंबित कर दिया।
एसपी ने पूरे मामले की जांच की जिम्मेदारी डीएसपी योगिता खापर्डे को सौंपी है। जांच के दौरान आरोपों की सत्यता, रिश्वत मांगने की परिस्थितियां और किसी अन्य पुलिसकर्मी की संलिप्तता होने या न होने की भी जांच की जाएगी। जांच रिपोर्ट के आधार पर आगे की विभागीय और कानूनी कार्रवाई तय की जाएगी।
रक्षित केंद्र में किया गया संबद्ध
निलंबन आदेश के तहत प्रधान आरक्षक (प्र. आर. 138) विनोद दिवाकर को रक्षित केंद्र जांजगीर-चांपा में संबद्ध किया गया है। विभागीय नियमों के अनुसार निलंबन अवधि के दौरान उन्हें निर्वाह भत्ते की पात्रता होगी। इस कार्रवाई के बाद पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया है।
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