अरपा तट पर गूंजेंगे छठ गीत, आज डूबते सूर्य को अर्घ्य देंगी व्रतियां
— बिलासपुर में सज-धज कर तैयार छठ घाट, भारी वाहनों की एंट्री पर 2 दिन रोक
36 घंटे का निर्जला उपवास शुरू, सूर्य आराधना के पर्व में उमड़ेगा जनसैलाब; तोरवा से कोनी तक छठ घाटों पर रोशनी और सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ाम
बिलासपुर। लोक आस्था के महापर्व छठ की आज शाम विशेष झलक अरपा नदी के घाटों पर देखने को मिलेगी। हजारों व्रती महिलाएं पारंपरिक गीतों की गूंज के बीच डूबते सूर्य को अर्घ्य देंगी। छठ पूजा समिति ने घाटों की साफ-सफाई, लाइटिंग और सुरक्षा के व्यापक इंतज़ाम किए हैं। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए ट्रैफिक पुलिस ने दो दिनों तक भारी वाहनों के प्रवेश पर रोक लगाई है।
बिलासपुर के अरपा नदी तट पर आज शाम छठ पूजा का भव्य आयोजन होगा। रविवार को खरना के साथ ही व्रतियों ने सात्विक भोजन कर 36 घंटे का निर्जला व्रत आरंभ कर दिया। अब सोमवार की संध्या को वे डूबते सूर्य को अर्घ्य अर्पित करेंगी, जबकि मंगलवार को उगते सूर्य की पूजा के साथ व्रत का समापन होगा।
तोरवा छठ घाट, कोनी, मरीमाई मंदिर तालाब और तिफरा महामाया तालाब में इस बार भीड़ उमड़ने की संभावना है। घाटों को आकर्षक लाइटिंग से सजाया गया है और सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ाम किए गए हैं।
ट्रैफिक पुलिस ने भीड़ नियंत्रण के लिए रूट प्लान जारी किया है। दोपहर 2 बजे से मंगलवार सुबह 11 बजे तक भारी वाहनों की आवाजाही पर प्रतिबंध रहेगा। श्रद्धालुओं के लिए सात पार्किंग जोन और चार एंट्री गेट बनाए गए हैं।
पारंपरिक छठ यात्रा और पूजा की झलक
छठ व्रतियों ने घरों में आम की लकड़ी से प्रसाद बनाया है। बांस की टोकरी ‘दउरा’ और सूप में नारियल, फल व पूजा सामग्री सजाई गई है, जिसे घर का सदस्य सिर पर उठाकर घाट तक लेकर जाएगा। घाट तक पहुंचने वाली महिलाएं पारंपरिक गीत गाती हुईं दिखाई देंगी।
तट पर पहुंचकर व्रतियां मिट्टी से बने चौरे पर दीप जलाकर छठ माता की पूजा करेंगी। सूर्यास्त से पहले घुटने भर पानी में खड़ी होकर वे पांच बार परिक्रमा कर संध्या अर्घ्य अर्पित करेंगी। आरती के समय का दृश्य अत्यंत मनमोहक होता है, जब अरपा तट दीपों की रोशनी से नहा उठता है।
कोशी भरने की रस्म और पारणा का विधान
अर्घ्य के बाद व्रतियां घर लौटकर आंगन में कोशी भरेंगी। मिट्टी के दीपों के चारों ओर 7 या 9 गन्नों का मंडप बनाकर पूजा की जाएगी। देर रात तक महिलाएं छठ माता और सूर्य देव की आराधना में लीन रहेंगी।
मंगलवार की सुबह 6.03 बजे तक उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ व्रत की पारणा की जाएगी। व्रतियों द्वारा बनाए गए ठेकुआ और प्रसाद के फल परिवारजनों में वितरित किए जाएंगे।
श्रद्धा और सेवा का संगम: घाटों पर श्रमदान
तोरवा छठ घाट में रविवार को श्रद्धालुओं ने सामूहिक श्रमदान किया। घाट और सीढ़ियों की सफाई कर रंगाई-पुताई की गई। आयोजन समिति के प्रमुख प्रवीण झा ने बताया कि इस वर्ष तोरवा घाट पर छठ महापर्व का रजत जयंती वर्ष मनाया जा रहा है।
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