स्कूल बना शराबखोरी का अड्डा: अतिथि की मेहमानवाजी में शिक्षकों ने उड़ाई दारू-मुर्गा पार्टी, दो निलंबित
बच्चों के सामने शिक्षकों ने पी शराब, की गाली-गलौज — अभिभावकों की शिकायत पर DEO ने की कार्रवाई, दो शिक्षक सस्पेंड, एक पर अब तक कार्रवाई नहीं
शिक्षा के मंदिर में जब शिक्षक ही शराब के नशे में शर्मनाक हरकतें करने लगें, तो बच्चों का भविष्य सवालों में पड़ जाता है। बिलासपुर जिले के मस्तूरी ब्लॉक के रहटाटोर प्राथमिक विद्यालय में शिक्षकों की ऐसी ही हरकत सामने आई है, जहां अतिथि शिक्षक की मेहमानवाजी के नाम पर स्कूल में ही दारू-मुर्गा पार्टी रखी गई। बच्चों के सामने शराब पी, गाली-गलौज की और फिर बात जब बाहर पहुंची तो मामला दबाने की कोशिशें शुरू हो गईं। आखिरकार, दो शिक्षकों को सस्पेंड कर दिया गया है।
बिलासपुर। बिलासपुर जिले के मस्तूरी विकासखंड के रहटाटोर प्राथमिक स्कूल में शिक्षा के मंदिर को बदनाम करने वाली हरकत सामने आई है। स्कूल के हेडमास्टर और एक शिक्षक ने स्कूल समय में शराब और चिकन पार्टी का आयोजन कर दिया। इस पार्टी में दूसरे स्कूल के हेडमास्टर को “अतिथि” बनाकर बुलाया गया था। मेहमानवाजी के नाम पर स्कूल की रसोइयों से मुर्गा कटवाया गया और मध्यान्ह भोजन के किचन में पकवाया गया।
बच्चों ने बताया कि हेडमास्टर राजेश्वर मरावी, शिक्षक मनोज नेताम और एक अन्य शिक्षक कार्यालय कक्ष में बैठकर शराब पी रहे थे। शराब के नशे में उन्होंने बच्चों को डांटा और गाली-गलौज करने लगे। डर के मारे बच्चे घर चले गए और अभिभावकों को पूरी घटना बताई।
मामला सामने आने के बाद भी मस्तूरी ब्लॉक के अधिकारी चुप्पी साधे रहे। स्थानीय लोगों का आरोप है कि बीईओ ने जानबूझकर इस मामले को दबाने की कोशिश की और जिला मुख्यालय को सूचना नहीं दी। करीब 15 दिन तक कार्रवाई नहीं होने पर ग्रामीणों और जनप्रतिनिधियों ने बच्चों और रसोइयों के बयान का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया।
इसके बाद प्रशासन हरकत में आया। कलेक्टर संजय अग्रवाल ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जिला शिक्षा अधिकारी से रिपोर्ट मांगी। आनन-फानन में बीईओ ने प्रतिवेदन भेजा, जिसके आधार पर जिला शिक्षा अधिकारी विजय टांडे ने हेडमास्टर राजेश्वर मरावी और शिक्षक मनोज नेताम को निलंबित कर दिया। हालांकि, अतिथि के रूप में शामिल मानिकचौरी मिडिल स्कूल के हेडमास्टर गोपीलाल मार्शल पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
ग्रामीणों का कहना है कि यह पहली बार नहीं है जब शिक्षक स्कूल में शराब पीते पकड़े गए हों। वे अक्सर नशे की हालत में स्कूल आते हैं, गुटखा-खैनी खाते हैं और बच्चों से साफ-सफाई करवाते हैं। पहले भी शिकायतें की गईं, मगर अधिकारी हर बार मामले को दबा देते हैं।
स्कूल में कुल 145 बच्चे पढ़ते हैं और चार शिक्षक पदस्थ हैं। लेकिन प्रधान पाठक और कुछ शिक्षकों की हरकतों से स्कूल का माहौल बिगड़ गया है। स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने कहा कि विभागीय लापरवाही के कारण ये शिक्षक बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ कर रहे हैं।
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