*नेशनल हेराल्ड मामले में कांग्रेस नेतृत्व को बड़ी राहत, ED की कार्यवाही अवैध करार — अरुण वोरा बोले: “सत्ता नहीं, सत्य सर्वोपरि”*

*नेशनल हेराल्ड मामले में कांग्रेस नेतृत्व को बड़ी राहत, ED की कार्यवाही अवैध करार — अरुण वोरा बोले: “सत्ता नहीं, सत्य सर्वोपरि”*

नई दिल्ली।

नेशनल हेराल्ड प्रकरण में दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट के ऐतिहासिक निर्णय ने कांग्रेस नेतृत्व शीर्ष नेता श्रीमती सोनिया गांधी और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष श्री राहुल गांधी को बड़ी राहत प्रदान की है। अदालत ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा दाखिल चार्जशीट पर संज्ञान लेने से इनकार करते हुए स्पष्ट कर दिया कि बिना वैधानिक आधार और अधिकार क्षेत्र के की गई जांच कानून की कसौटी पर टिक नहीं सकती।

अदालत ने अपने आदेश में कहा कि किसी निजी शिकायत के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग जैसी गंभीर धाराओं में कार्यवाही नहीं चलाई जा सकती, विशेषकर तब जब मामले में कोई एफआईआर दर्ज ही न हो। यह टिप्पणी केंद्र सरकार द्वारा अपनाए गए उस पूरे ढांचे पर गंभीर प्रश्नचिह्न लगाती है, जिसके तहत पिछले वर्षों में विपक्षी दलों को निशाना बनाया जाता रहा है।

पूर्व विधायक एवं वरिष्ठ कांग्रेस नेता अरुण वोरा ने अदालत के फैसले का स्वागत करते हुए कहा—

*«“यह निर्णय सत्ता के दुरुपयोग पर न्याय की मुहर है। सोनिया गांधी जी और राहुल गांधी जी के विरुद्ध की गई कार्रवाई शुरू से ही दुर्भावना, राजनीतिक प्रतिशोध और कानून की अवहेलना पर आधारित थी। माननीय अदालत ने यह स्पष्ट कर दिया है कि बिना एफआईआर और बिना अधिकार के की गई ईडी की पूरी प्रक्रिया अवैध थी। सत्य को परेशान किया जा सकता है, पराजित नहीं।”»*

*उन्होंने आगे कहा कि यह फैसला मोदी सरकार की दुर्भावनापूर्ण राजनीति और केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग को उजागर करता है। पिछले एक दशक से देश के मुख्य विपक्षी दल को डराने, बदनाम करने और दबाने के लिए केंद्रीय एजेंसियों का जिस प्रकार उपयोग किया गया, आज वह पूरी तरह उजागर हो गया है।*

राजनीतिक हलकों में इस फैसले को लोकतंत्र, संविधान और न्यायपालिका की स्वतंत्रता की जीत के रूप में देखा जा रहा है। कांग्रेस पार्टी ने दोहराया है कि वह सत्य, संवैधानिक मूल्यों और हर भारतीय के अधिकारों की रक्षा के लिए अपना संघर्ष जारी रखेगी।