बदलते मौसम में मॉर्निंग वॉक करते समय बरतें सावधानी, ब्रेन हैमरेज से लेकर हार्ट अटैक का भी खतरा
सुबह, दोपहर और रात के वक्त तापमान में काफ़ी उतार- चढाव देखने को मिलता है. इस कारण शरीर को संतुलन बनाने में कठिनाई होती है. ऐसे में बीपी के मरीजों को विशेष सावधानी बरतनी होती है.

ठंड के मौसम के प्रारंभ होने से पहले ही ब्रेन हैमरेज के केस अस्पतालों में आने शुरू हो गए हैं. पिछले तीन-चार दिनों की ही बात करें तो बिहार की राजधानी पटना के प्रसिद्ध आईजीआईएमएस (Indira Gandhi Institute of Medical Sciences)में 15 मरीज ब्रेन हैमरेज से पीड़ित होकर भर्ती कराए गए हैं. जिनमें से 12 की उम्र 60 वर्ष से अधिक की है. जबकि, 3 मरीजों की उम्र 60 साल से कम है. इन सभी मरीजों को आईसीयू में भर्ती कराया गया है.
ठंड में लापरवाही बना हैमरेज का कारण
अस्पताल के उपनिदेशक सह अधीक्षक डॉ. मनीष मंडल ने बताया कि ये सभी मरीज इमरजेंसी में गंभीर हालत में लाए गए थे. जिसमें से अधिकांश लोग बीपी में काफी उतार-चढ़ाव व ठंड में लापरवाही के कारण ब्रेन हैमरेज के शिकार हुए हैं. आधा से ज्यादा मरीज एसी का तापमान कम होने से ठंड से पीड़ित हुए थे. जबकि, चार लोग सुबह के 4 बजे से 5 बजे के बीच मॉर्निंग वॉक के दौरान इसके शिकार हुए हैं.
बीपी के मरीजों को बरतनी होगी विशेष सावधानी
अधीक्षक डॉ. मनीष मंडल ने ये भी बताया कि सुबह, दोपहर और रात के वक्त तापमान में काफ़ी उतार- चढाव देखने को मिलता है. इस कारण शरीर को संतुलन बनाने में कठिनाई होती है. ऐसे में बीपी के मरीजों को विशेष सावधानी बरतनी होती है. वहीं, दूसरी ओर उन्होंने ये भी कहा कि ‘अब यह साबित हो चुका है कि कोरोना पीड़ित लोगों के नसों में सिकुड़न की समस्या आई है’. ऐसे में बीपी के मरीजों में हार्ट अटैक और ब्रेन हैमरेज का खतरा सामान्य लोगों की तुलना में कुछ ज्यादा रहता है. बताते चलें कि भर्ती मरीजों में से चार का कोरोना से पीड़ित होने का भी इतिहास है.
डेंगू और वायरल के मरीजों की भीड़
पीएमसीएच और आईजीआईएमएस की ओपीडी में सुबह से मरीजों की भारी भीड़ निबंधन काउंटर पर जमा हो गई. आईजीआईएमएस में नए सॉफ्टवेयर के कारण काउंटर पर कुछ ज्यादा समय लग रहा था. अस्पताल अधीक्षक मनीष मंडल ने बताया कि अधिकांश वायरल बुखार, डेंगू आदि के मरीज थे.