हड़ताल का असर:हर दिन निकलता है 350 टन कचरा तीन दिन से नहीं उठा, 1 हजार टन डंप

भिलाई। शहर के 40 वार्डों में होने वाली सफाई व्यवस्था ठप पड़ गई है। पिछले तीन दिन से कमोवेश एक जैसे हालात हैं। डोरटूडोर कचरा कलेक्शन बुरी तरह प्रभावित है। इसके चलते शहरवासियों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। उनके घर में बाल्टियों और डस्टबिन में कचरे का ढेर जमा हो गया है, जिसे अब तक हटाया तक नहीं गया है। सफाई कामगारों को अक्टूबर से जनवरी महीने तक करीब 4 महीने का मानदेय जारी नहीं किया गया है। इसके चलते उन्होंने काम बंद कर विरोध शुरू कर दिया है। इसके चलते ऐसे हालात बने हैं।
निगम में प्रतिदिन इन वार्डों से करीब 350 टन कचरा उठता है। पिछले तीन दिनों से कचरा नहीं उठने से करीब 1050 टन कचरा इस समय वार्डों और शहर के प्रमुख मार्गों पर डंप है। इसके चलते लोगों को परेशानियां उठानी पड़ रही है। सड़क, बाजार, सार्वजनिक जगहों पर झाड़ू तक नहीं लग पा रहे हैं। शुक्रवार को कामगारों ने भिलाई निगम के गेट पर खड़े रहकर धरना भी दिया। अधिकारियों के मौके पर नहीं पहुंचने से कामगारों का आक्रोश फूट पड़ा है। सफाई कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं।
प्रदर्शन में नेमन साहू, ललित चौधरी, इजहार अली, दिलेश्वर धृतलहरे, राकेश, मन्नु, दुष्यंत, पुष्पा बारले सहित अन्य मौजूद थे। बीजेपी युवा मोर्चा ने भी सफाई कर्मचारियों का समर्थन किया और निगम आयुक्त को ज्ञापन सौंपकर शहर की सफाई व्यवस्था दुरुस्थ करने व कर्मचारियों को समय पर वेतन देने की मांग की। साथ ही उग्र आंदोलन की चेतावनी दी।
शहर के इन जगहों पर सबसे ज्यादा कचरा डंप, सुनवाई तक नहीं
सफाई नहीं होने से शहर के कई इलाकों में गंदगी का ढेर पड़ा हुआ है। सबसे बूरा हाल पटरीपार क्षेत्र का है। कर्मा विद्यालय सुपेला, रावन भाठा, गंदा चौक शराब दुकान के पास, शीतला तालाब सुपेला के पास, हाउसिंग बोर्ड रोड सहित शहर के कई स्थानों पर कचरा का ढेर पड़ा है। निगम प्रशासन के अनुसार शहर में एक भी कचरा पाइप नहीं है, लेकिन अघोषित रूप से शहर में 90 कचरा पाइट है जो 150 हो चुके हैं।
निगम ने कार्य एजेंसी को किया भुगतान कामगारों को जारी नहीं हुआ मानदेय
शहर की सफाई व्यवस्था कार्य एजेंसी पीवी रमन एजेंसी के जिम्मे है। ठेकेदार नगर निगम के सफाई कर्मचारियों को बीते 4 माह से अक्टूबर, नवम्बर, दिसंबर और जनवरी का वेतन नहीं दिया है। जबकि निगम के प्रभारी स्वास्थ्य धर्मेंद्र मिश्रा ने बताया कि ठेकेदार को अक्टूबर माह का वेतन 26 जनवरी के पहले ही दे चुके हैं। ठेकेदार निगम से वेतन लेने के बाद भी सफाई कर्मचारियों को वेतन नहीं दिया है। इससे कर्मचारियों को भारी आर्थिक संकट से जूझना पड़ रहा है। सफाई कर्मचारी दीपावली के समय से लगातार आए दिन वेतन की मांग कर रहे हैं लेकिन उन्हें वेतन नहीं दिया जा रहा है।
शहर सरकार के लिए सिर्फ कमाई का जरिया सफाई की व्यवस्था
शहर की जनता परेशान हो इससे शहर सरकार को कोई लेना-देना नहीं है। महापौर और उनकी एमआईसी अपने में मस्त है। सफाई सिस्टम शहर सरकार के लिए सिर्फ कमाई का जरिया है। कामगारों को मानदेय मिले या न मिले शहर में सफाई हो न हो, इससे उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता। बस जनता से टैक्स वसूलना ही उन्हें याद रहता है। इस मामले में कार्य एजेंसी को तत्काल हटा देना चाहिए। कामगारों को तुरंत भुगतान सुनिश्चित किया जाए। नहीं तो विरोध होगा। -भोजराज सिन्हा, नेता प्रतिपक्ष, भिलाई निगम