छत्तीसगढ़ में नवरात्र पर सजने लगे देवी दरबार:मां बम्लेश्वरी के दर्शन करने पहुंचेंगे 17 लाख श्रद्धालु; महामाया में 31 हजार ज्योत होंगे प्रज्जवलित

शारदीय नवरात्रि 15 अक्टूबर से शुरू होने जा रही है। इसे देखते हुए छत्तीसगढ़ के देवी मंदिरों में तैयारियां शुरू हो गई हैं। रायपुर के महामाया मंदिर, काली मंदिर, दंतेश्वरी मंदिर सहित अन्य देवी मंदिरों में साफ-सफाई, रंग-रोगन का काम चल रहा है। इसके अलावा ज्योति कलश की रसीद भी काटी जा रही है। डोंगरगढ़ के बमलेश्वरी मंदिर में 10 हजार तो रतनपुर के महामाया मंदिर में करीब 31 हजार ज्योत जलाई जाएगी।
काली मंदिर में तेल के ज्योति कलश के लिए 900 रुपए लिए जा रहे हैं। घी के ज्योति कलश प्रज्ज्वलित करने के लिए भक्तों से 2100 रुपए लिए जा रहे हैं। नौ दिनों तक चलते वाले नवरात्रि उत्सव के दौरान काली मंदिर में लगभग 4000 ज्योति कलश जलाने की उम्मीद है। रायपुर के प्रसिद्ध मां महामाया मंदिर में हजारों की संख्या में ज्योत प्रज्ज्वलित की जाएगी। हर साल बड़ी संख्या में भक्त इस मंदिर में पहुंचते हैं। कतार से लोग मंदिर के अंदर पहुंचकर मां महामाया के दर्शन कर पाएं, इसके लिए इंतजाम किए जा रहे हैं। मंदिर में भजन संध्या का भी आयोजन किया जाएगा, जिसमें स्थानीय कलाकार जस गीत की प्रस्तुति देंगे।
राजधानी रायपुर में 100 से अधिक स्थानों पर मां दुर्गा के खास पंडाल भी बनाए जा रहे हैं। कालीबाड़ी में होने वाली पूजा के लिए बंगाल से कारीगर पहुंचकर मां दुर्गा की प्रतिमा को सजाएंगे और विशेष पूजा का आयोजन किया जाएगा।
महामाया मंदिर में 31 हजार ज्योति कलश होंगे प्रज्ज्वलित
बिलासपुर जिले के रतनपुर स्थित मां महामाया देवी की पूजा शक्ति पीठ के रूप में होती है। यहां पूरे 9 दिनों तक नवरात्र पर्व की रौनक रहेगी। इस बार देवी मंदिर में 31 हजार ज्योति कलश प्रज्ज्वलित करने की तैयारी है। मंदिर में पूरे 9 दिनों तक यहां शतचंडी यज्ञ के साथ ही जसगीत का आयोजन भी होगा।
वहीं, लखनी देवी मंदिर में ज्वारा कलश का विशेष महत्व है। यहां इनकी पूजा मां अन्नपूर्णा के रूप में की जाती है। यही वजह है कि 28 साल से मंदिर में ज्वारा कलश स्थापित किए जा रहे हैं। इस बार शारदीय नवरात्रि 30 साल बाद बुधादित्य योग के महासंयोग से शुरू हो रहा है, जिसकी तैयारी महामाया मंदिर सहित देवी मंदिरों में जोर-शोर से चल रही है।
करीब 124 साल पुराना है मां सर्वमंगला मंदिर
कोरबा जिले की प्रथम आराध्य देवी मां सर्वमंगला के दरबार में भी नवरात्रि की तैयारी जारी है। मान्यता है कि जिले के हसदेव नदी के किनारे स्थित मां सर्वमंगला मंदिर में देवी मां से मांगी गई हर मनोकामना पूरी होती है। यही कारण है कि राज्य और देश के अलावा विदेशों से भी यहां माता के मंदिर में मनोकामना ज्योति कलश जलवाए जाते हैं।