फिटनेस:साइकिल चलाना संपूर्ण शरीर का व्यायाम है, लेकिन इसके भी कुछ नियम हैं

फिटनेस:साइकिल चलाना संपूर्ण शरीर का व्यायाम है, लेकिन इसके भी कुछ नियम हैं

साइकिल चलाना व्यायाम का हिस्सा बन चुका है। कई लोग सुबह के समय व्यायाम करने के बजाय साइकिलिंग कर लेते हैं। इससे शरीर फिट तो रहता है, साथ ही यह हृदय के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करता है। वज़न को नियंत्रित करता है, टाइप-2 मधुमेह के जोख़िमों को कम करता है, मांसपेशियों को मज़बूत करता है और गठिया की रोकथाम में भी मदद करता है। पर ये फ़ायदे तब नुक़सान में बदल जाते हैं जब हम साइकिल चलाते वक़्त ग़लतियां करते हैं। अगर साइकिलिंग को व्यायाम के तौर पर कर रहे हैं तो इससे जुड़ी सावधानियां और ज़रूरी बातों का ध्यान रखना भी ज़रूरी है।

साइकिलिंग किसी भी वक़्त कर सकते हैं। पर कुछ अध्ययनों के मुताबिक़ सुबह के समय यह अधिक फ़ायदेमंद है।

हम क्या-क्या ग़लतियां करते हैं?

  • साइकिल चलाते हैं तो कम किलोमीटर से शुरुआत करने के बजाय एक बार में 10-15 किलोमीटर बिना रुके तय कर लेते हैं।
  • बीच में आराम नहीं करते।
  • इस दौरान खानपान का ध्यान भी नहीं रखा जाता। इससे वज़न घटने के बजाय बढ़ सकता है।

ये है सही तरीक़ा

साइकिलिंग से पहले वॉर्मअप ज़रूर करें। अगर पहली बार साइकिलिंग करने जा रहे हैं तो पहले 2-3 किलोमीटर से शुरुआत करें। धीरे-धीरे इसे बढ़ाते जाएं। अगर क्षमता से अधिक दूरी तय करेंगे तो पैरों में दर्द होगा और शरीर में भारीपन व दर्द महसूस होगा। रोज़ साइकिलिंग की अधिकतम दूरी 10 से 12 किलोमीटर ही होनी चाहिए। साइकिल बहुत तेज़ी से न चलाएं। गति सामान्य रखें। समूह में साइकिलिंग कर रहे हैं तो बातें न करते हुए सिर्फ़ साइकिल चलाएं। ईयर फोन्स लगाना भी उचित नहीं है। सिर्फ़ सड़क पर ध्यान दें। ऐसी जगह या सड़क चुनें जहां अधिक ट्रैफिक न हो। ख़ाली सड़क होने से आप पूरा ध्यान साइकिलिंग पर लगा सकेंगे।