रामनगर मुक्तिधाम में लकड़ी का स्टॉक खत्म:शव जलाने लकड़ी के लिए बाहर भटक रहे परिजन, रोज जलती हैं 5-6 चिताएं

भिलाई नगर निगम की तरफ से संचालित रामनगर मुक्तिधाम में 15 दिन से लकड़ी का स्टॉक पूरी तरह खत्म हो गया है। ऐसे में 101 रुपए में लकड़ी और कंडा देने की योजना फेल होती दिख रही है। यहां अंतिम संस्कार के लिए आने वाले लोगों को बाहर से लकड़ी खरीदनी पड़ रही है।
यह छत्तीसगढ़ का दूसरा ऐसा निगम हैं, जहां मुक्तिधाम में लोगों को अंतिम संस्कार के लिए लकड़ी कंडा नहीं लाना पड़ता है। रसीद कटाने के बाद लकड़ी और कंडे की व्यवस्था निगम करता है। वर्तमान में इस योजना का लाभ लोगों को नहीं मिल पा रहा है। मुक्तिधाम के इंचार्ज कृष्ण कुमार देशमुख का कहना है कि लकड़ी का स्टॉक खत्म हुए मात्र एक दिन हुआ है। निगम आयुक्त से उनकी बात हुई है। 24 घंटे के अंदर स्टॉक पहुंच जाएगा। यहां पूरी तरह से लकड़ी खत्म नहीं हुई है। मोटी लकड़ी बेस के लिए मुक्तिधाम से दी जा रही है।
पतली लकड़ी लोगों को बाहर से खरीदना पड़ रहा है। जल्द ही यह समस्या भी खत्म हो जाएगी। मुक्तिधाम में हमेशा लकड़ी का स्टॉक रहे, इसके लिए निगम नियमित रूप से इसका टेंडर करता है। फिलहाल पुराना टेंडर समाप्त हो जाने और नया टेंडर जारी नहीं होने से यह समस्या हुई है। नया टेंडर नहीं होने के कारण एमआईसी में पुरानी दर से करीब 20 फीसदी राशि बढ़ाकर 24 लाख रुपए प्रति वर्ष कर नई एजेंसी को काम दिया जा रहा है। यह एजेंसी जल्द ही सप्लाई शुरू कर देगी।
निशुल्क लकड़ी की सुविधा होने पर दूर-दूर से लोग अंतिम संस्कार के लिए आते हैं। यहां हर दिन 6-7 शवों को जलाया जाता है। एक शव को जलाने में साढ़े 4 क्विंटल लकड़ी लगती है। इस आधार पर रोजाना लगभग 30-32 क्विंटल लकड़ी का उपयोग होता है।