‘वो हमारे कपड़े उतरवा रहे थे, पुलिस चुपचाप खड़ी थी’:मणिपुर वायरल वीडियो की FIR लिखने वाले SHO बोले- हां, गैंगरेप हुआ

‘वो हमारे कपड़े उतरवा रहे थे, पुलिस चुपचाप खड़ी थी’:मणिपुर वायरल वीडियो की FIR लिखने वाले SHO बोले- हां, गैंगरेप हुआ

(एजेंसी)। ‘हम पुलिस की गाड़ी में थे। लगा था, वो हमें बचा लेंगे। मैतेई लड़कों की भीड़ ने गाड़ी को घेर लिया। हमें उतारकर इधर-उधर छूने लगे। उन्होंने कहा- जिंदा रहना है, तो कपड़े उतारो। हमने मदद के लिए पुलिसवालों की तरफ देखा, उन्होंने मुंह फेर लिया। फिर हमने कपड़े उतार दिए….’। ये कहना है 21 साल की पीड़िता का। वो ट्रॉमा में है, फोन पर नहीं आती, लेकिन उसकी साथी पूरी कहानी बताती है।

ये उस लड़की की कहानी है, जिसे आपने 19 जुलाई को मणिपुर से वायरल हुए वीडियो में देखा होगा। उस वीडियो में एक महिला और थी। उम्र 42 साल। उनके भी कपड़े उतरवाए गए। वे बताती हैं, ‘उन्होंने कहा- अगर कपड़े नहीं उतारोगी तो मरोगी। खुद को बचाने के लिए मैंने कपड़े उतार दिए। वो मुझे पीटने लगे, मेरे शरीर को छूते रहे। मेरे साथ रेप नहीं हुआ था।’

52 साल की एक और महिला थी। वो वीडियो में नहीं हैं, लेकिन कपड़े उनके भी उतरवाए गए। 3 मई को मणिपुर में हिंसा भड़की और ये वीडियो 4 मई का है। वायरल हुए वीडियो की छानबीन के दौरान टीम ने पीड़ित महिलाओं के अलावा उस पुलिसवाले से भी बात की, जिसने 18 मई को सबसे पहले इन मामले में कम्प्लेंट दर्ज की थी।

भाई बचाने आया था, भीड़ ने पीट-पीटकर मार डाला…
साइकुल पुलिस स्टेशन में तैनात SHO लुंगथांग वो शख्स हैं, जिन्होंने इस मामले में पहली शिकायत दर्ज की थी। वे बताते हैं, ‘18 मई को बी फाइनोम गांव के मुखिया कांगपोकपी के साइकुल पुलिस स्टेशन आए थे। उनके साथ एक पीड़िता भी थी। मैंने पूरी घटना सुनी और जीरो FIR दर्ज की।’

मामले की जीरो FIR 18 मई, 2023 को दर्ज की गई। इसमें मैतेई संगठनों से जुड़े 800 से एक हजार लोगों को आरोपी बनाया गया।

लुंगथांग के मुताबिक, 'सबसे पहले 56 साल के शख्स को मार दिया गया। फिर महिलाओं को कपड़े उतारने के लिए कहा। 21 साल की पीड़िता से छेड़छाड़ की गई। उसके 19 साल के भाई ने बचाने की कोशिश की। भीड़ ने उस लड़के को पीट-पीटकर मार डाला। इसके बाद तीनों महिलाओं के कपड़े उतरवाए गए और 21 साल की पीड़िता से गैंगरेप भी किया गया।’

गांव के लोग बोले- मैतेई लिपुन के लोगों ने हमला किया
भास्कर ने वीडियो की पड़ताल की, तो पता चला कि ये वारदात मणिपुर के थोउबाल जिले के नोंगपोक सेकमाई पुलिस स्टेशन से चंद किमी दूर हुई। पीड़ित के एक रिश्तेदार ने बताया, ‘मैतेई भीड़ बदला लेना चाहती थी। वे लोग कह रहे थे कि कुकी लोगों ने हमारी महिलाओं से रेप किया, अब तुम्हारे साथ भी ऐसा ही होगा।’

वे आगे बताते हैं, ‘4 मई को सुबह के करीब 11 बजे का वक्त था। सैकड़ों लड़कों की भीड़ हमारे गांव में घुस आई। सब जान बचाने के लिए जंगल की तरफ भाग गए थे। इन 5 लोगों ने पुलिस से मदद मांगी थी। फिर इन्हें मैतेई भीड़ ने घेर लिया।’ वे आरोप लगाते हैं कि आरामबाई टेंगोल, मैतेई युवा संगठन, मैतेई लिपुन और कांगलेइपाक कनबा लुप, विश्व मैतेई परिषद और अनुसूचित जनजाति मांग समिति से जुड़े लड़कों ने हमला किया था। प्रत्यक्षदर्शियों और पुलिस अधिकारियों से बात करने के बाद हमने इस वायरल वीडियो की घटना की टाइमलाइन तैयार की है:

3 मई, 2023: रात करीब 12 बजे
3 मई की रात से मणिपुर में हिंसा, बवाल, आगजनी का दौर शुरू हो चुका था। मैतेई और कुकी दोनों समुदाय एक-दूसरे के इलाकों में घुसकर मारपीट और आगजनी कर रहे थे। बी फाइनोम गांव में कुकी आबादी अच्छी तादाद में थी।

प्रत्यक्षदर्शी के मुताबिक, रात में करीब 3 बजे मैतेई भीड़ ने हमला कर दिया। भीड़ में ज्यादातर लोग काली टीशर्ट पहने हुए थे। लोगों के हाथ में चाकू, लाठियां, राइफल और दूसरे हथियार थे। हालांकि, मैतेई भीड़ में कम लोग थे, कुकी लोगों ने उनका डटकर सामना किया। मैतेई भीड़ शोर करते हुए उस रात लौट गई।

4 मई, 2023: सुबह के करीब 11 बजे ​​
4 मई की सुबह मैतेई भीड़ ने फिर से बी फाइनोम गांव पर हमला कर दिया। FIR के मुताबिक ‘करीब 800 से 1000 लोग थे। सभी मैतेई युवा संगठनों जैसे मैतेई लिपुन, कांगलेईपाक कन्बा लप, अराम्बाइ तेंगोल, वर्ल्ड मैतेई काउंसिल से जुड़े थे। वे हथियार लेकर आए थे, गांव में घुसकर मारपीट और हिंसा करने लगे। उनके पास कई ऑटोमैटिक राइफल जैसे एके 47, इनसास वगैरह भी थीं।’ 

बी फाइनोम कांगपोकपी जिले साइकुल सब डिवीजन से करीब 42 किमी दूर है। उग्र मैतेई भीड़ ने गांव के ज्यादातर घरों में तोड़फोड़ की और आग लगा दी। सामान चुरा लिया। बी फाइनोम गांव के 5 लोग, जिनमें 3 महिलाएं और दो पुरुष थे, जान बचाते हुए जंगल की तरफ भागे।

भाग रहे इन कुकी लोगों को नोंगपोक सेकमाई पुलिस स्टेशन की टीम ने बचाया। नोंगपोक सेकमाइ पुलिस स्टेशन से करीब 2 किमी मीटर पहले ही मैतेई भीड़ ने पुलिस की गाड़ी से उन लोगों को बाहर निकाल लिया। घटना की एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया, ‘पहले हमें लगा कि पुलिस हमें बचाएगी, लेकिन पुलिस ने भीड़ का साथ दिया, जो हमारे गांव पर हमला करने आई थी।’

वीडियो में दिख रहे 4 लोग अरेस्ट, इनमें मुख्य आरोपी भी
वीडियो में लड़की को पकड़े हुए दिख रहा हुइरेम हेरोदास मैतेई को पुलिस ने अरेस्ट कर लिया है। पेची अवांग लीकाई के रहने वाले 32 साल के हुइरेम को पुलिस ने मुख्य आरोपी माना है। पहचान होने के बाद पुलिस ने उसे गुरुवार सुबह थाऊबेल जिले से अरेस्ट किया है। इस बीच गांव वालों ने हेरोदास के घर में आग लगा दी और उसके परिवार का बहिष्कार कर दिया। गुरुवार शाम को तीन और आरोपियों को अरेस्ट कर लिया गया।

पुलिस की गिरफ्त में हुइरेम हेरोदास। वो वीडियो में हरी टीशर्ट पहने दिख रहा है। वही लड़की को खींचकर खेतों की ओर ले गया था।

भीड़ मैतेई समुदाय की थी। समुदाय के बड़े ऑर्गेनाइजेशन में शामिल मणिपुर अखंडता पर समन्वय समिति (COCOMI) ने कहा कि इस क्लिप से पूरा मैतेई समुदाय गहरी शर्म और पीड़ा में है। हमें भरोसा है कि इसमें शामिल सभी लोगों को बख्शा नहीं जाएगा।

चुराचांदपुर में प्रदर्शन, बारिश के बावजूद पहुंचे लोग
वायरल वीडियो सामने आने के बाद कुकी बहुल इलाके के सबसे बड़े जिले चुराचांदपुर के पीस ग्राउंड में इंडिजिनस ट्राइब लीडर्स फोरम यानी ITLF ने गुरुवार को प्रोटेस्ट किया। बारिश के बावजूद हजारों लोग इस प्रदर्शन में पहुंचे।

ITLF के प्रवक्ता गुबजा ने बताया कि ‘सिर्फ इन लड़कियों से रेप नहीं हुआ, ऐसे कई मामले हैं। जिन लड़कियों के साथ ऐसे अपराध हुए, वे ट्रॉमा में हैं, इसलिए बाहर नहीं आ रहीं। हम इन मामलों की जानकारी इकट्ठी कर रहे हैं।’

प्रधानमंत्री बोले- मेरा दिल पीड़ा और क्रोध से भरा है
PM मोदी ने कहा, 'मेरा दिल आज पीड़ा और क्रोध से भरा है। मणिपुर की बेटियों के साथ जो हुआ, उसे कभी माफ नहीं किया जा सकता। मैं सभी मुख्यमंत्रियों से कहता हूं कि कानून-व्यवस्था को मजबूत करें। माताओं-बहनों की रक्षा के लिए सख्त कदम उठाएं। हिंदुस्तान के किसी भी कोने या किसी भी राज्य में राजनीतिक वाद-विवाद से ऊपर उठकर कानून-व्यवस्था और बहनों का सम्मान प्राथमिकता है।'
सुप्रीम कोर्ट ने भी सरकार से मांगा जवाब
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और मणिपुर सरकार से पूछा है कि अपराधियों पर कार्रवाई के लिए आपने क्या कदम उठाए हैं। CJI ने कहा कि सांप्रदायिक संघर्ष के दौरान महिलाओं का एक औजार की तरह इस्तेमाल कभी स्वीकार नहीं किया जा सकता है। यह संविधान का सबसे घृणित अपमान है। मामले में अगली सुनवाई शुक्रवार को होगी।

इंफाल वैली के 5 जिलों में कर्फ्यू, CRPF ने दो सीनियर अफसर तैनात किए
राज्य सरकार ने इंफाल वैली के 5 जिलों में बेमियादी कर्फ्यू लगा दिया है। ये जिले इंफाल ईस्ट, इंफाल वेस्ट, बिष्णुपुर, काकचिंग और थोऊबुल हैं। CRPF ने नगालैंड और असम से दो सीनियर अफसरों को मणिपुर में तैनात किया है।

साथ ही कांगपोकपी और जिरबम जिले में दो टैक्टिकल हेडक्वार्टर बनाए जाएंगे। CRPF का एक हेडक्वार्टर इंफाल में पहले से है। इस समय मणिपुर में राज्य पुलिस के साथ CRPF की 124 कंपनियां और सेना के 184 कॉलम तैनात हैं। एक कॉलम में 80 से 100 सैनिक होते हैं।

दंगाइयों के पास सुरक्षाबलों से लूटे 3 हजार हथियार
न्यूज एजेंसी PTI के मुताबिक, आपस में लड़ रहे मैतेई और कुकी समुदायों के पास 3 हजार हथियार हैं। ये हथियार सुरक्षाबलों से लूटे गए थे। इनमें .303 राइफलें, मीडियम मशीन गन , AK असॉल्ट राइफलें, कार्बाइन, इंसास, लाइट मशीन गन, एम-16 और एमपी-5 राइफलें शामिल हैं। इसके अलावा 6 लाख से ज्यादा गोलियां भी हैं।

अफसरों के मुताबिक, मई में पुलिस के लगभग 4,537 हथियार और 6.32 लाख गोलियां लूटी गई थीं। इन्हें ईस्ट इंफाल के पांगेई के मणिपुर पुलिस ट्रेनिंग सेंटर, खाबेइसोई के 7वीं इंडिया रिजर्व बटालियन और 8वीं मणिपुर राइफल्स से लूटा गया था। इनमें 2,900 हथियार काफी घातक हैं।

इनके अलावा, आंसू गैस और मिनी फ्लेयर बंदूकें भी लूटी गई हैं। ज्यादातर हथियार और गोला-बारूद घाटी के दंगाइयों के पास हैं। पहाड़ी इलाकों में दंगाइयों के पास सिर्फ 5% हथियार है।

गांवों में हमले से बचने के लिए लोगों ने पुंपी गन्स तैयार की हैं। पुंपी गन मतलब लोहे के मजबूत पाइप से जुगाड़ करके बनाई हुई राइफल या ऑटोमैटिक गन। ऐसे ही रॉकेट लॉन्चर भी बनाए गए हैं।