परीक्षा या मज़ाक? शिक्षकों ने ही बच्चों को कराई नकल, मोबाइल और गाइड से दी मदद
बोर्ड पैटर्न पर हो रही परीक्षा में धांधली: पांचवी-आठवीं के छात्रों को खुलेआम नकल करवाई

- शिक्षकों की मिलीभगत: मोबाइल, किताबें और गाइड देकर कराई नकल
- बीईओ की जांच में हुआ खुलासा: जिला शिक्षा अधिकारी ने मांगा जवाब, सख्त कार्रवाई के निर्देश
जिले में इस बार पांचवीं और आठवीं की वार्षिक परीक्षा बोर्ड पैटर्न पर हो रही है, लेकिन बकावंड ब्लॉक के तारागांव प्राथमिक शाला में परीक्षा के दौरान बड़े पैमाने पर नकल कराई गई। चौंकाने वाली बात यह है कि खुद केंद्राध्यक्ष और शिक्षक इसमें शामिल थे। नकल को लेकर बीईओ की आंतरिक जांच में पुष्टि होने के बाद जिला शिक्षा अधिकारी ने इस मामले में कड़ी कार्रवाई के संकेत दिए हैं।
जगदलपुर। साल 2010 के बाद पहली बार आयोजित की जा रही पांचवी और आठवीं बोर्ड परीक्षा में नकल के चौंकाने वाले मामले सामने आए हैं। बकावंड ब्लॉक के तारागांव प्राथमिक शाला में परीक्षा के दौरान खुद शिक्षकों ने बच्चों को नकल करवाने की व्यवस्था कर दी।
कैसे हुई नकल?
- कुछ छात्रों को शिक्षकों ने अपने मोबाइल फोन देकर सवालों के जवाब खोजने में मदद की।
- कुछ बच्चों को गाइड और किताबें उपलब्ध कराई गईं।
- कई छात्रों को शिक्षक खुद ही उत्तर बता रहे थे।
इस खुलासे के बाद केंद्राध्यक्ष सुखूराम मौर्य ने आरोपों को खारिज कर दिया, लेकिन बीईओ श्रीनिवास मिश्रा द्वारा कराई गई जांच में नकल के सबूत मिले। जांच प्रतिवेदन जिला शिक्षा अधिकारी को सौंप दिया गया है।
कार्रवाई की तैयारी
जिला शिक्षा अधिकारी बीआर बघेल ने बकावंड बीईओ और बीआरसी को कारण बताओ नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। इसके अलावा, परीक्षा में नकल कराने में शामिल शिक्षकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की बात भी कही गई है। यह मामला शिक्षा व्यवस्था की साख पर सवाल खड़े करता है। जहां एक ओर छात्र अपनी मेहनत से परीक्षा देने की कोशिश कर रहे हैं, वहीं शिक्षक ही अगर नकल करवाने लगें, तो शिक्षा प्रणाली की विश्वसनीयता पर सवाल उठना लाजमी है।