कर्रेगुट्टा पहाड़ पर सेना का दबदबा: सबसे बड़े नक्सल ऑपरेशन में हेलीकॉप्टर से उतरे 500 जवान

नक्सलियों के गढ़ में फोर्स की गहराई तक घुसपैठ, हिड़मा के भागने की आशंका; दो और पहाड़ों पर कब्जे की रणनीति तैयार

कर्रेगुट्टा पहाड़ पर सेना का दबदबा: सबसे बड़े नक्सल ऑपरेशन में हेलीकॉप्टर से उतरे 500 जवान

छत्तीसगढ़ के बीहड़ इलाकों में चल रहे अब तक के सबसे बड़े नक्सल ऑपरेशन के तहत सुरक्षा बलों ने कर्रेगुट्टा पहाड़ पर निर्णायक बढ़त हासिल कर ली है। हेलीकॉप्टर के ज़रिए सैकड़ों जवानों की तैनाती के बाद नक्सली कब्जे वाले इस क्षेत्र में फोर्स ने पहली बार मजबूती से मोर्चा संभाला है।

जगदलपुर। कर्रेगुट्टा की बीहड़ पहाड़ियों में लंबे समय से नक्सलियों की मजबूत पकड़ थी, लेकिन इस बार फोर्स ने अभूतपूर्व रणनीति अपनाई। मंगलवार को हेलीकॉप्टर के जरिए करीब 500 जवानों को इस दुर्गम इलाके में उतारा गया, जिसके बाद एक तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हुई, जिसमें जवानों को पहाड़ की चोटी पर तैनात देखा गया। हालांकि आधिकारिक पुष्टि अभी नहीं हुई है, लेकिन ऑपरेशन की गहराई से फोर्स की रणनीति स्पष्ट हो चुकी है।

40-45 डिग्री तापमान और बीहड़ इलाके की कठिन चुनौतियों के बीच फोर्स ने हिम्मत नहीं हारी। ऑपरेशन के दौरान दो जवान आईईडी ब्लास्ट में घायल हुए और कुछ डिहाइड्रेशन से प्रभावित हुए। इसी अभियान में तीन महिला नक्सलियों को ढेर किया गया और कई को पहाड़ से खदेड़ा गया।

हिड़मा की फरारी और तेलंगाना का दबाव:
खुफिया सूत्रों के अनुसार, कुख्यात नक्सली नेता हिड़मा तेलंगाना की सीमा से फरार हो गया है। शांतिवार्ता समिति ने इस ऑपरेशन को रुकवाने के लिए तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी से मुलाकात की और केंद्र सरकार पर दबाव बनाने की अपील की। हालांकि फोर्स का दबाव बढ़ता जा रहा है।

आईबी चीफ की निगरानी में ऑपरेशन का विस्तार:
इंटेलिजेंस ब्यूरो प्रमुख तपन डेका खुद रायपुर पहुंचे और पुलिस मुख्यालय में ऑपरेशन की समीक्षा की। छत्तीसगढ़, तेलंगाना और पैरामिलिट्री फोर्स के संयुक्त अभियान को लेकर कोऑर्डिनेशन मजबूत करने पर चर्चा हुई। यह तय किया गया कि जैसे-जैसे फोर्स आगे बढ़ेगी, वैसे-वैसे नए कैंप स्थापित होंगे और बैकअप के लिए अतिरिक्त बल बुलाया जाएगा।

सरकार की मंशा साफ है—नक्सल प्रभाव वाले हर पहाड़ी क्षेत्र पर नियंत्रण स्थापित कर स्थायी सुरक्षा व्यवस्था कायम की जाएगी।