पिछले दो चुनाव के मुकाबले कम वोटिंग, शहर में कम तो आउटर पड़े ज्यादा वोट, भाजपा- कांग्रेस दोनों ने किया जीत का दावा

बिलासपुर। बिलासपुर में पिछले दो नगरीय निकाय चुनाव की तुलना में इस बार कम वोटिंग हुई है। नगर निगम में शामिल ग्रामीण इलाकों में जहां मतदान ज्यादा हुआ तो शहरी क्षेत्र में कम वोट पड़े। इसे लेकर अब भाजपा-कांग्रेस दोनों ही दलों ने मंथन शुरू कर दिया है। भाजपा का दावा है कि इससे उनके प्रत्याशियों की जीत सुनिश्चित है तो वहीं कांग्रेस भी अपनी जीत तय मान रही है। नगरीय निकाय चुनाव में इस बार 51.37 प्रतिशत वोट पड़े। जबकि साल 2014 में 56 फीसदी तो 2019 में 57.11 फीसदी वोट पड़े थे।
साल 2019 में जिन इलाकों को नगर निगम में शामिल किया गया था, वहां चुनाव में वोटिंग अच्छी हुई है। इसमें नगर तिफरा, नगर पंचायत सकरी, नगर पंचायत सिरगिट्टी के साथ ही ग्राम पंचायत बिरकोना, बहतराई, खमतराई, लिंगियाडीह, बिजौर, मोपका सहित घुरू और अमेरी सहित ग्रामीण क्षेत्र शामिल हैं। इन इलाकों को निगम क्षेत्र में शामिल करने के बाद दूसरी बार वोटिंग हुई है। पिछली बार की तरह इस बार भी यहां सामान्य से अच्छी वोटिंग हुई है।
शहरी इलाकों में कम मतदान- चुनाव के दौरान जूना बिलासपुर, नेहरू नगर, भारतीय नगर, अज्ञेय नगर, मगरपारा, तालापारा, कुदुदंड, दयालबंद, खपरगंज, मशानगंज, इमलीपारा, तारबाहर जैसे शहरी इलाकों में कम मतदान हुआ है। इसी तरह तोरवा, हेमूनगर और शंकर नगर के इलाके का हाल रहा।
इन वार्डो में 50% से कम वोट पड़े- शहर के वार्ड क्रमांक 15, 28 व 45 नंबर में महज 40 से 45 प्रतिशत वोटिंग होनेके बाद प्रत्याशी उलझन में हैं। शहर के वार्ड क्रमांक 21 नंबर से 25 से लेकर वार्ड क्रमांक 30, 17 में 45 से 50 फीसदी तक वोट पड़े हैं। इसी तरह शहर के वार्ड क्रमांक 27 के साथ ही राजकिशोर नगर व रेलवे के 51 व 70 नंबर वार्ड में 35 से 40 फीसदी तक हीमतदान हुआ है। कुछ ऐसी ही स्थिति शहर के अन्य वार्डों की भी है।