सुयश हॉस्पिटल की लापरवाही से मरीज की मौत, उपभोक्ता आयोग ने 16 लाख मुआवजा देने का आदेश
इंजेक्शन लगने के बाद बिगड़ी थी हालत, 13 साल बाद आया फैसला; मृतक की पत्नी हिना सोनी को मिली राहत
राजधानी रायपुर के कोटा इलाके स्थित सुयश हॉस्पिटल को लापरवाह चिकित्सा सेवा के मामले में दोषी ठहराया गया है। उपभोक्ता आयोग ने मरीज हिमांशु सोनी की मौत को अस्पताल की लापरवाही का परिणाम मानते हुए प्रबंधन को 16 लाख रुपए का मुआवजा, ब्याज और मानसिक क्षतिपूर्ति देने का आदेश सुनाया। यह फैसला 13 साल पुराने केस में आया है।
रायपुर। कोटा इलाके में संचालित सुयश हॉस्पिटल की गंभीर लापरवाही से मरीज की जान जाने का मामला आखिरकार 13 साल बाद न्यायिक नतीजे तक पहुंचा। उपभोक्ता फोरम ने गुरुवार (13 सितंबर 2025) को अस्पताल को दोषी मानते हुए मृतक हिमांशु सोनी की पत्नी हिना सोनी के पक्ष में फैसला सुनाया। आदेश में अस्पताल प्रबंधन को 15 लाख रुपए मुआवजा (6% वार्षिक ब्याज सहित), 1 लाख रुपए मानसिक क्षतिपूर्ति और 10 हजार रुपए वाद व्यय देने का निर्देश जारी किया गया है।
हिमांशु सोनी वर्ष 2008 में हुए सड़क हादसे के बाद पैरों की कमजोरी और पेशाब नली की समस्या से जूझ रहे थे। इलाज के लिए उन्हें दिसंबर 2010 में सुयश हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था, जहां उनकी लेजर सर्जरी की गई। डिस्चार्ज के बाद 26 दिसंबर को जब वे तीव्र दर्द के कारण दोबारा अस्पताल पहुंचे तो इंजेक्शन दिए जाने के बाद उनकी हालत अचानक बिगड़ गई और मौत हो गई।
परिजनों ने अस्पताल पर इंजेक्शन से मौत का आरोप लगाया था, जबकि प्रबंधन ने दावा किया कि मरीज मृत अवस्था में ही लाया गया था। लेकिन प्रतिपरीक्षण के दौरान डॉक्टरों ने स्वीकार किया कि इंजेक्शन देकर पुनर्जीवन का प्रयास किया गया था। अस्पताल द्वारा सीसीटीवी फुटेज, विजिटर रजिस्टर और जरूरी दस्तावेज उपलब्ध न कराना भी उनके खिलाफ गया।
जिला उपभोक्ता आयोग ने पहले ही अस्पताल को दोषी ठहराते हुए हिना सोनी के पक्ष में निर्णय सुनाया था। हालांकि, प्रबंधन ने इसे राज्य आयोग में चुनौती दी, लेकिन न्यायमूर्ति गौतम चौरडिया और सदस्य प्रमोद कुमार वर्मा की पीठ ने अपील खारिज कर दी और निचली अदालत का आदेश बरकरार रखा।
फैसले के बाद मृतक की पत्नी हिना सोनी ने कहा कि लंबे संघर्ष के बाद आखिरकार उन्हें न्याय मिला है।
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