जयस्तंभ चौक से रेप की जगह तक जीरो पुलिसिंग:नेशनल हाईवे से लेकर आउटर तक सड़के सुनसान, सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल

जयस्तंभ चौक से रेप की जगह तक जीरो पुलिसिंग:नेशनल हाईवे से लेकर आउटर तक सड़के सुनसान, सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल

छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में 2 युवतियों के साथ हुई रेप की वारदात ने शहर में सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं। शहर में पुलिस पेट्रोलिंग में सख्ती नजर नहीं आ रही।  रायपुर शहर से करीब 30 किलोमीटर में मौजूद मंदिर हसौद से आगे गोढ़ी गांव है। यही रास्ता आगे भानसोज तक जाता है। अगर नेशनल हाईवे से इस सड़क में चलते हुए आगे बढ़ेंगे तो करीब 4 किलोमीटर जाने के बाद रिम्स अस्पताल भी है।दुष्कर्म की पूरी वारदात इसी इलाके में हुई। यहां सूरज ढलते ही घोर अंधेरा छा जाता है। हालांकि आसपास कुछ निजी फॉर्म हाउस है।

हम ग्राउंड जीरो तक पहुंचने के लिए रात 10.30 बजे के करीब जयस्तंभ चौक से निकले। फिर वहां से मरीन ड्राइव होते हुए तेलीबांधा चौक पहुंचे। आगे बढ़ते हुए हमने लाभांडी का एरिया पार किया। फिर हम नया रायपुर की ओर जाने वाली सड़क को पार करते हुए मंदिर हसौद चौक पहुंचे। जहां मंदिर हसौद थाने के सामने से होते हुए वारदात वाले मोड़ पर पहुंचे।

शहर से लेकर इस पूरी दूरी में एक बात बेहद चौकानें वाली थी कि सड़क में एक भी PCR वैन या पुलिस की कोई पेट्रोलिंग गाड़ी नही दिखी। ये तो नेशनल हाइवे की बात थी। इसके उलट गांव की ओर जाने वाली उस सड़क में न कोई लाइट के इंतेजाम न ही किसी प्रकार की सुरक्षा की बात। इसका मतलब साफ है कि शहर के बाहरी इलाकों के कई थानों की स्थिति बहुत बुरी है। यहां नाइट पेट्रोलिंग सिर्फ कागजों पर है। जमीन में कोई गाड़ी पुलिस की गाड़ी मौजूद नही है।

उस सड़क में दूर-दूर तक कोई इंसान मौजूद नही था। हालांकि सड़क की हालत बेहतर है। ऐसे में रात करीब 12 बजे हम उस घटनास्थल की जगह पर थे। जिस घटना ने सारे प्रदेश में लड़कियों की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े कर दिए। उस जगह से दूर कुछ दूरी में धीमी-धीमी जलती हुई लाइट दिख रही थी। बीच-बीच में सड़क से एक्का दुक्का तेजी से गुजरती हुई कार भी दिखी। लेकिन पुलिस पेट्रोलिंग कहीं नजर नहीं आई।