ट्रांसपोर्टर बोला-पुलिस ने प्रताड़ित किया:पुलिस ने कहा-सभी आरोप गलत, जो हुआ नियम के तहत हुआ
ट्रांसपोर्टर बोला-पुलिस ने प्रताड़ित किया:पुलिस ने कहा-सभी आरोप गलत, जो हुआ नियम के तहत हुआ

खुद को स्वतंत्र पत्रकार बताने वाले ट्रांसपोर्टर सुखवंत सिंह ने दुर्ग पुलिस पर प्रताड़ना के आरोप लगाए हैं। उनका आरोप है कि सुपेला पुलिस ने उससे दुश्मनी निकालने के लिए खत्म हो चुके पुराने केस के वारंट पर गिरफ्तार किया। इसके बाद थाने में लाकर उनसे अपराधियों से जैसा व्यवहार किया गया।
वहीं सुपेला थाना प्रभारी दुर्गेश शर्मा का कहना है कि सुखवंत सिंह पुलिस के ऊपर गलत आरोप लगा रहा है। पुलिस के पास सारे सबूत हैं। कृपाल नगर कोहका निवासी सुखवंत सिंह को पुलिस ने दो दिन पहले एक पुराने वारंट की तामीली को लेकर गिरफ्तार किया था। जब सुखवंत सिंह ने बताया कि उस मामले का न्यायालय से खात्म हो गया है। उसने उसके कागज पेश किए तो पुलिस ने उसे छोड़ दिया।
इसके बाद सुखवंत सिंह ने देर रात केंद्रीय जेल दुर्ग के सामने बयान जारी किया। पुलिस ने उसे जेल दाखिल करने की बात कहकर यहां भेजा। फिर आई नहीं। पुलिस उसकी फरारी न दिखा दे इसलिए वो पूरी रात वहीं पर। बैठा पुलिस का इंतजार किया कि उसे पुलिस जेल दाखिल करे। इसके दो दिन बाद 21 मार्च मंगलवार को उसने प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई और सुपेला पुलिस के ऊपर प्रताड़ना के कई गंभीर आरोप लगाए।
स्टिंग ऑपरेशन करने की सजा दे रही पुलिस
सुखवंत सिंह का कहना है कि उसकी लड़ाई भ्रष्टाचार के खिलाफ है। वो छत्तीसगढ़ के तमाम सरकारी विभागों में पदस्थ भ्रष्ट व रिश्वतखोर लोगों का स्टिंग ऑपरेशन करता और फिर उसे उजागर करके उन्हें सजा दिलाता है। कुछ दिन पहले भी उसने दो पुलिस वालों का स्टिंग ऑपरेशन किया और उनका पैसे के लेनदेन करते हुए वीडियो वायरल करके उन्हें सस्पेंड कराया। इस मामले में उसने एसीबी पर भी मिली भगत का आरोप लगाया था। इन्हीं सब कार्यों से पुलिस उससे चिढ़ती है और अपनी खुन्नस निकालने के लिए खत्म हो चुके केस में उसे गिरफ्तार किया गया।
उसने आरोप लगाया कि पुलिस जब उसे गिरफ्तार करके थाने लाई तो स्मृति नगर चौकी प्रभारी प्रमोद श्रीवास्तव और एलएस वर्मा वहां पहुंचे। पानी पीने के लिए मांगने पर प्रमोद श्रीवास्तव ने उसे बोतल में पेशाब भरकर पिलाया। इसके बाद उनके द्वारा गंदी गंदी गालियां दी गई। उसका कहना है कि वह एक प्रतिष्ठित व्यक्ति है, लेकिन पुलिस ने उसके साथ कैदियों जैसा व्यव्हार किया।
एनकाउंटर करने की धमकी देने का आरोप
सुखवंत सिंह ने आरोप लगाया कि स्मृति नगर चौकी के एसआई एलएस वर्मा ने उससे कहा कि हमारे बड़े अधिकारी एनकाउंटर स्पेशलिस्ट हैं। उन्होंने कई एनकाउंटर किए हैं, तुम्हारा भी कर देंगे। इस पर उसने उन्हें जवाब दिया कि उसका एनकाउंटर कर दिया जाए वो उसे मंजूर है, लेकिन वो भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी लड़ाई नहीं छोड़ेगा।
हाईकोर्ट व सप्रीम कोर्ट तक लड़ेगा लडा़ई
सुखवंत ने कहा कि उसके साथ एसपी दुर्ग अभिषेक पल्लव ने गलत बयान दिया। उनके दो अफसर सतीश साहू और एएसआई दांडेकर ने उसे खाते में पैसे लिए। उन सभी का वीडियो और जो फर्जी गिरफ्तारी करके उसके साथ किया गया है इन सभी मामलों को लेकर हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में परिवाद दायर करेगा।
सुपेला पुलिस ने सभी आरोपों को बताया गलत
सुपेला थाना प्रभारी दुर्गेश शर्मा का कहना है कि सुखवंत सिंह को वारंट तामीली के लिए थाने बुलाया गया था। वो अपनी गाड़ी से पत्नी के साथ थाने आए थे। इसका फुटेज उनके पास है। इसके बाद वो सीधे रजनीकांत दीवान के रूम में जाकर बैठे थे। उनसे आम लोगों जैसा व्यवहार किया गया। जब उन्होंने बताया कि उनका केस खत्म हो चुका है तो खात्मा रिपोर्ट लाने के लिए उन्हें एक घंटे का समय दिया गया। जब उन्होंने कोर्ट की रिपोर्ट जमा कर दी तो उनकी गिरफ्तारी नहीं की गई। पुलिस उनकी आदत को जानती है, इसलिए उनकी हर एक एक्टिविटी का वीडियो बनाया गया। अन्य दस्तावेजी साक्ष्य भी लिए गए हैं। उनके द्वारा लगाए गए सभी आरोप बेबुनियाद हैं।