मुख्य सचिव पद पर फिर जैन की मजबूत पकड़: केंद्र से मिली मंजूरी, सेवा विस्तार पर साय कैबिनेट ने लगाई मुहर
सुबरत साहू और मनोज पिंगुआ की चर्चा के बीच अमिताभ जैन को मिला भरोसा, अब आगामी आदेश तक संभालेंगे मुख्य सचिव पद की जिम्मेदारी

छत्तीसगढ़ के प्रशासनिक शीर्ष पद पर फिलहाल कोई बदलाव नहीं होगा। राज्य सरकार ने मौजूदा मुख्य सचिव अमिताभ जैन को सेवा विस्तार देने का निर्णय लिया है। केंद्र सरकार से अनुमति मिलते ही मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में इस पर अंतिम मुहर लगाई गई। जैन आगामी आदेश तक मुख्य सचिव के रूप में अपने दायित्वों का निर्वहन करते रहेंगे।
रायपुर। छत्तीसगढ़ में लंबे समय से चल रही मुख्य सचिव पद की दौड़ फिलहाल थम गई है। मौजूदा मुख्य सचिव अमिताभ जैन को सेवानिवृत्ति से ठीक पहले सेवा विस्तार मिल गया है। सोमवार को मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में हुई राज्य कैबिनेट बैठक में यह महत्वपूर्ण फैसला लिया गया। यह सेवा विस्तार केंद्र सरकार की स्वीकृति के बाद संभव हुआ।
दिलचस्प बात यह रही कि सोमवार को ही जैन की सेवानिवृत्ति की तिथि थी और उनके लिए विदाई समारोह की तैयारियाँ भी की गई थीं। लेकिन ऐन वक्त पर आए इस निर्णय ने राज्य के प्रशासनिक गलियारों में हलचल मचा दी।
यदि अमिताभ जैन को सेवा विस्तार नहीं मिलता, तो दो नाम सबसे प्रमुख दावेदार के रूप में सामने आ रहे थे — सुबरत साहू और मनोज पिंगुआ। सुबरत साहू छत्तीसगढ़ कैडर के 1992 बैच के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी हैं और धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग में अतिरिक्त मुख्य सचिव के रूप में कार्यरत हैं। उन्हें हाल ही में एक राष्ट्रीय सर्वे में देश के 50 प्रभावशाली IAS अफसरों में शुमार किया गया है।
वहीं, मनोज पिंगुआ 1994 बैच के आईएएस अधिकारी हैं, जिनकी पहचान एक साफ-सुथरी और सुलझी हुई प्रशासनिक छवि के रूप में होती है। वह वर्तमान में गृह एवं जेल विभाग के अपर मुख्य सचिव हैं और छत्तीसगढ़ IAS एसोसिएशन के अध्यक्ष भी हैं। हाल ही में दिल्ली में उनकी पीएमओ अफसरों से हुई मुलाकात ने चर्चाओं को और भी बल दिया था।
राज्य सरकार के भीतर मंत्रिमंडल विस्तार की संभावनाएं भी चर्चा में हैं। रविवार को मुख्यमंत्री साय और राज्यपाल रामेश बैस की मुलाकात ने इस ओर इशारा किया कि कैबिनेट के कुछ नए चेहरों की संभावना को बल मिल सकता है।
इसके अतिरिक्त, प्रशासनिक सेवाओं में कुछ और अहम नामों की भूमिका भी लगातार चर्चा में है:
- सुबोध सिंह, जो हाल ही में केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से लौटे हैं, मुख्यमंत्री सचिवालय में प्रमुख सचिव बनाए गए हैं और सरकार की कोर टीम में शामिल हैं।
- रेणु पिल्ले, 1991 बैच की वरिष्ठ IAS अधिकारी, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग की ACS हैं, साथ ही व्यापमं और शिक्षा मंडल की भी जिम्मेदारी संभाल रही हैं।
- IPS अरुण देव गौतम, वर्तमान में कार्यवाहक डीजीपी हैं, जिन्हें स्थायी डीजीपी बनाए जाने की संभावनाएं भी प्रबल मानी जा रही हैं, क्योंकि प्रदेश में प्रथा रही है कि कार्यवाहक को ही स्थायी पद मिलता है।
छत्तीसगढ़ की नौकरशाही में यह निर्णय न केवल प्रशासनिक स्थायित्व प्रदान करता है, बल्कि आगामी चुनावों और विकास कार्यों के दृष्टिकोण से एक संतुलन बनाए रखने का प्रयास भी प्रतीत होता है।