एम्बुलेंस में मरीज नहीं 364 किलो गांजा लेकर जा रहा था बदमाश, स्ट्रेचर पर रखा था 36 लाख का माल

रायपुर। फिल्मों में गैंगस्टर एंबुलेंस में अपने स्मगलिंग के समान को एम्बुलेंस के जरिए स्मगल करते दिखते हैं। ऐसी ही ट्रिक रायपुर में रियल लाइफ में अजमाई जा रही थी। तस्करों ने एंबुलेंस में एक दो नहीं बल्कि 300 किलो से अधिक गांजा भर रखा था और बड़े आराम से इसकी डिलिवरी करने जा रहे थे, मगर अब पुलिस के हत्थे चढ़ गए।
ओडिशा से 4 बदमाशों का ग्रुप कई सौ किलोमीटर का सफर एंबुलेंस में ही तय कर रायपुर पहुंचा। रास्ते में एम्बुलेंस का सायरन बजाते हुए चल रहे थे, राहगीरों को लग रहा था कि एंबुलेंस में कोई मरीज होगा सभी रास्ता दे रहे थे। कुछ जगहों पर तो पुलिस ने ही जाम हटवाकर एम्बुलेंस को रास्ता दिलवाया। मगर यह खेल ज्यादा देर चल नहीं पाया रायपुर पुलिस इसकी भनक लगी और ये पकड़े गए।
आजाद चौक इलाके के सीएसपी मयंक गुर्जर ने बताया कि हमें अधिकारियों से ऐसे मामलों के खिलाफ जांच के निर्देश मिले थे। एम्बुलेंस डूमर तालाब चाणक्य स्कूल टर्निंग पॉइंट के पार्क की गई थी। यहां मुखबीर से एंबुलेंस में कुछ संदिग्ध होने की जानकारी मिली। पुलिस की टीम ने इन्हंे घेरा। एम्बुलेंस में मौजूद 3 युवक भाग निकले, ड्राइवर पकड़ा गया।
गाड़ी के अंदर ब्राउन कलर के रैपर से लिपटे हुए 72 पैकेट मिले, जिनमें 364 किलो गांजा था । गिरफ्तार हुए ड्राइवर का नाम सूरज खूंटे है। 22 साल का सूरज डोंगियाभाटा भटगांव जिला सारंगढ़ बिलाईगढ़ का रहने वाला है। इसने बताया कि मेरे साथ गांव का ही गोलू चंद्रा और उसके दो साथी थे जिन्हें मैं नहीं जानता। पुलिस सूरज से पूछताछ कर रही है । अब तक हुई जांच में यह बात सामने आई है कि गांजा इन्होंने ओडिशा के हाईवे से हासिल किया और इसे छत्तीसगढ़ में डिलिवर करना था।
रायपुर पुलिस को इस कार्रवाई में मिले 72 पैकेट गांजे की बाजार में कीमत 36 लाख रुपए है। पुलिस ने एम्बुलेंस को भी जप्त कर लिया है। एंबुलेंस रायपुर के नंबर पर रजिस्टर्ड है, अब इस बात की भी छानबीन की जा रही है कि इस एंबुलेंस का मालिक कौन है, और क्या इससे पहले भी गांजे की इसी तरह एंबुलेंस में सप्लाई की गई है। पुलिस गांजा देने और फाइनल डिलिवरी लेने वालों की जानकारी जुटा रही है।