नकली पनीर की यात्री बसों से सप्लाई, 100-100 किलो पार्सल भेज रहे रोज, लंबे समय से बेखौफ धंधा

रायपुर यात्री बसों में सफर करना खतरा मोल लेने जैसा हो गया है। बस वाले अपनी कमाई के लिए नियम विरूद्ध यात्रियों के साथ भारी भरकम माल ढो रहे हैं। इस अवैध परिवहन को रोक लगाने की जिम्मेदारी जिन पर हैं, वे रसूखदार ट्रांसपोर्टरों से दबे हुए हैं। यही वजह है कि इन यात्रा बसों की जांच नहीं करते और न ही भारी सामान ढोने पर रोक लगा पा रहे हैं। गांजा, नशे की गोलियां, सोना-चांदी की तस्करी के अलावा भारी मात्रा में नकली पनीर भी रोज इन्हीं यात्री बसों से छोटे शहरों में पहुंच रहा है।
नकली पनीर के 100-100 किलो के पार्सल यात्री बसों में रोज लोड करते हैं। इसके बाद आरंग, महासमुंद, धमतरी, जगदलपुर आदि शहरों में पहुंचाया जाता है। यह धंधा लंबे समय से बेखौफ चल रहा है। बताया जाता है कि परिवहन विभाग, ट्रैफिक पुलिस जानबूझकर ऐसे बस संचालकों पर कार्रवाई नहीं करती है। साथ ही खाद्य एवं औषधि विभाग के अधिकारी भी इस ओर झांकते नहीं हैं।
सेहत के लिए धीमा जहर है नकली पनीर
शहर में बड़े पैमाने पर नकली पनीर को बनाया जा रहा है। फैक्ट्री में बिना मापदंड और नियमों के पनीर बनाए जा रहे हैं, जो सेहत के लिए धीमा जहर की तरह है। इसमें पाउडर और कई तरह के केमिकल मिलाए जाते हैं, जो धीरे-धीरे शरीर को नुकसान पहुंचाता है। उरला, गोकुल नगर इलाके में दो बड़ी फैक्ट्रियों का खुलासा हो चुका है। इन फैक्ट्रियों से रोज 400-500 किलो पनीर बनाकर ग्रामीण इलाकों में भेजा जा रहा है।
बसों की जांच नहीं, इसलिए यह तरीका अपनाया
सूत्रों के मुताबिक यात्री बसों में लोड होने वाले सामान की जांच नहीं होती है। आरटीओ वालों की भी यात्री बसों में भारी सामान ले जाने की मौन सहमति के चलते नकली पनीर को भी इन्हीं बसों के जरिए सप्लाई किया जा रहा है। मालवाहक में नकली पनीर भेजने पर पुलिस के हत्थे चढ़ने की आशंका रहती है। इस कारण अलग-अलग शहरों में यात्री बसों के जरिए ही भारी मात्रा में अमानक पनीर खपाया जा रहा है।
पिछले दिनों टिकरापारा में उरला की फैक्ट्री से निकले नकली पनीर को मालवाहक के जरिए भाठागांव बस स्टैंड पहुंचाया गया था। यहां से यात्री बसों में इसे लोड करके छोटे शहरों में भेजने की तैयारी थी। इस दौरान पार्किंग वालों से उनका झगड़ा हो गया। दोनों ओर से जमकर मारपीट हुई। पनीर वाले के गुंडों ने पार्किंग वालों को जमकर पीटा। इसके टिकरापारा पुलिस पनीर लोड मालवाहक को जब्त करके थाने पहुंची। पनीर को जब्त नहीं किया गया। उसकी जांच भी नहीं की गई। खाद्य एवं औषधि प्रशासन की टीम ने भी किसी तरह की कार्रवाई नहीं की। प्रतिबंधात्मक कार्रवाई करके मारपीट करने वालों को छोड़ दिया गया। अगले दिन पनीर को एक यात्री बस में लोड करके दूसरे शहर भेज दिया गया।