चाट और गुपचुप खाने से 150 लोग फूड प्वाइजनिंग के शिकार...मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती

चाट और गुपचुप खाने से 150 लोग फूड प्वाइजनिंग के शिकार...मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती

चाट और गुपचुप खाने से 150 लोग फूड प्वाइजनिंग के शिकार...मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती

धनबाद जिले के बलियापुर के हुचुकटांड़ में भोक्ता मेले में चाट और गुपचुप खाने से 150 लोग फूड प्वाइजनिंग के शिकार हो गए। घटना बुधवार की शाम है। मेडिकल कॉलेज अस्पताल में करीब 100 लोग भर्ती कराए गए हैं।

वहीं 50 लोगों का इलाज अलग-अलग निजी अस्पतालों में चल रहा है। 2 दर्जन से अधिक लोगों की स्थिति गंभीर है, जिनमें काफी बच्चे हैं। फूड प्वाइजनिंग के सही कारणों का पता नहीं चल पाया है। ज्यादातर लोगों ने मेले में चाट और गुपचुप खाए थे।

कर्माटांड़ पंचायत में चड़क पूजा का आयोजन

बताया गया कि बलियापुर के कर्माटांड़ पंचायत के हुचुकटांड़ में भोक्ता मेले (चड़क पूजा) का आयोजन किया गया। कर्माटांड़ पंचायत के विभिन्न गांवों से हजारों की संख्या में लोग मेला देखने गए। शाम होते-होते मेले से घर लौटे लोग बीमार पड़ने लगे। लोगों को कय, दस्त, पेट में दर्द आदि की समस्या हो रही थी। मर्ज बढ़ने पर लोग अस्पताल पहुंचने लगे। बढ़ते-बढ़ते इनकी तादाद सिर्फ मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 100 से अधिक हो गई है। इसके अलावा बलियापुर और धनबाद के निजी अस्पतालों में मरीज भर्ती कराए गए हैं। फूड प्वाइजनिंग के शिकार लोगों में ज्यादातर बच्चे हैं। सिर्फ मेडिकल कॉलेज अस्पताल में इनकी संख्या 50 के आसपास है। इसके अलावा बड़ी संख्या में महिलाएं भी बीमार हुई हैं। युवा व वृद्ध की भी तादाद काफी है।

फूड प्वॉइजनिंग से बिगड़ी 150 लोगों की तबीयत

अस्पताल में मची अफरा-तफरी, बेड कम पड़े एक साथ एक सौ से अधिक मरीजों के मेडिकल कॉलेज की इमरजेंसी में पहुंचने से वहां अफरा-तफरी मच गई। वहां बेड कम पड़ गए। मरीजों की तादाद का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वहां किसी को बेड मयस्सर नहीं हुआ, जिसे जहां जगह मिली, वहीं लेट कर इलाज कराने लगे। इमरजेंसी में फर्श पर लेट कर कई लोगों ने स्लाइन चढ़वाया।

कई लोग इमरजेंसी के बाहर कैंपस में स्लाइन की बोतल बाइक, पेड़-पौधों और बिजली के खंभों में लटका कर स्लाइन चढ़वा रहे थे। मेडिकल कॉलेज अस्पताल की इमरजेंसी पहुंचे ज्यादातर बीमार हुचुकटांड़ गांव के हैं। इसके अलावा आसपास के गांवों के भी लोग इलाज के लिए आए। ग्रामीणों का कहना है कि हुचुकटांड़ में मेला लगा था। गांव के सभी लोग मेले में शामिल थे। नतीजा यही के लोग ज्यादा बीमार हुए। गांव के हर घर से दो से तीन लोग बीमार पड़े हैं।

इमरजेंसी में बीमार लोगों का आना जारी था

समाचार लिखे जाने तक मेडिकल कॉलेज की इमरजेंसी में फूड प्वाइजनिंग के शिकार मरीजों का आना जारी रहा। एंबुलेंस के साथ-साथ लोग अपने परिजनों को बाइक ऑटो और प्राइवेट गाड़ी से लेकर आ रहे थे। फूड प्वाइजनिंग के शिकार लोगों को इमरजेंसी में इलाज के बाद वार्डों में भर्ती किया गया। शिशु रोग विभाग के अलावा मेडिसिन, सर्जरी, ईएनटी, आई समेत सभी विभागों में मरीज को भर्ती लिया गया, जहां बेड खाली थे। एक-एक बेड पर दो से तीन मरीजों को भर्ती कर इलाज किया जा रहा है। ग्रामीणों को आशंका है कि लोगों की तबीयत मेले में पानी पीने से बिगड़ी है। ज्यादातर लोगों ने वहां चार-पांच दुकानों पर चाट और गुपचुप खाए थे। चार्ट और गुपचुप वालों ने मेला स्थल पर एक ही जगह से पानी लिया था।

डॉक्टरों की लगानी पड़ी अतिरिक्त टीम

मेडिकल कॉलेज अस्पताल में कार्यरत पुराने डॉक्टरों और कर्मचारियों का कहना है कि एक साथ इतनी संख्या में यहां पहले कभी मरीज नहीं पहुंचे। पहला मौका है, जब एक साथ सौ के आसपास फूड प्वाइजनिंग के मरीज आए हैं। डॉक्टरों की अतिरिक्त टीम लगानी पड़ी इमरजेंसी में मरीजों की भीड़ के कारण वहां डॉक्टरों की अतिरिक्त टीम लगानी पड़ेगी।