ब्रेकिंग : भिलाई में ED का छापा: रिटायर्ड IAS आलोक शुक्ला के घर से दस्तावेज़ जब्त

रिटायर्ड IAS आलोक शुक्ला के घर छापामार कार्रवाई, दस्तावेज़ और डिजिटल रिकॉर्ड ज़ब्त

ब्रेकिंग : भिलाई में ED का छापा: रिटायर्ड IAS आलोक शुक्ला के घर से दस्तावेज़ जब्त

दुर्ग-भिलाई। छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित कस्टम मिलिंग घोटाले में गुरुवार को बड़ा घटनाक्रम हुआ। प्रवर्तन निदेशालय (ED) की टीम ने भिलाई में रिटायर्ड IAS आलोक शुक्ला के आवास पर तड़के छापा मारा। सुबह करीब छह बजे शुरू हुई इस कार्रवाई में अधिकारियों ने पूरे घर को घेर लिया और घंटों तक तलाशी अभियान चलाया। एजेंसी ने कई संदिग्ध दस्तावेज़ों और डिजिटल रिकॉर्ड को ज़ब्त किया है। माना जा रहा है कि इस कार्रवाई के बाद घोटाले में नए नाम सामने आ सकते हैं।

पूछताछ से खुला नया पन्ना

इससे पहले आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) ने इस घोटाले के मुख्य आरोपी रिटायर्ड IAS अनिल टुटेजा और रायपुर के कारोबारी अनवर ढेबर को गिरफ्तार किया था। दोनों से हुई पूछताछ के बाद ED को कई अहम इनपुट मिले थे। इन्हीं के आधार पर भिलाई में यह बड़ी कार्रवाई की गई।

मिलिंग प्रक्रिया में हुआ फर्जीवाड़ा

छत्तीसगढ़ सरकार हर साल किसानों से धान की खरीदी करती है और उसे चावल में बदलने के लिए मिलर्स को देती है। तय शर्तों के मुताबिक मिलिंग के बाद भुगतान किया जाता है। आरोप है कि इस प्रक्रिया में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी हुई। कई जगहों पर धान की मिलिंग कागज़ों में ही दिखाकर करोड़ों रुपए का भुगतान उठा लिया गया। अधिकारियों और मिलर्स की मिलीभगत से अवैध वसूली भी की गई। जांच एजेंसियों का अनुमान है कि घोटाले का दायरा 140 करोड़ रुपए से कहीं ज्यादा हो सकता है।

पहले भी हो चुकी हैं बड़ी गिरफ्तारियां

ED इस मामले में पहले से ही मनी लॉन्ड्रिंग का पहलू खंगाल रही है। पिछले साल एजेंसी ने मार्कफेड के पूर्व MD मनोज सोनी और मिलर्स एसोसिएशन के कोषाध्यक्ष रोशन चंद्राकर को गिरफ्तार किया था। पूछताछ में करोड़ों रुपए के लेन-देन की परतें खुलीं, जिसके बाद जांच और तेज हो गई।

भिलाई की रेड से नए सुराग

भिलाई के हुडको और तालपुरी इलाके में हुई रेड में ED टीम ने कई अहम कागज़ात और डिजिटल डेटा बरामद किया है। जांच अधिकारियों का मानना है कि इनमें मिलर्स और अधिकारियों की सांठगांठ के पुख्ता सबूत छिपे हो सकते हैं।

आने वाले दिनों में और कड़े कदम

कस्टम मिलिंग घोटाला छत्तीसगढ़ का अब तक का सबसे बड़ा अनाज घोटाला बताया जा रहा है। EOW और ED की संयुक्त जांच ने इस केस को नई रफ्तार दी है। सूत्रों का कहना है कि आने वाले दिनों में इस मामले में कई और बड़े अफसरों व कारोबारियों पर कानूनी शिकंजा कस सकता है।