शराब घोटाले में बड़ा खुलासा: चैतन्य बघेल ‘बिग बॉस ग्रुप’ से करता था सौदे, चार्जशीट में 1000 करोड़ की हेराफेरी दर्ज

ईडी की 7 हजार पन्नों की चार्जशीट में करोड़ों की डीलिंग, नकली होलोग्राम और ब्लैक मनी को रियल एस्टेट में निवेश करने के सबूत; कांग्रेस नेताओं तक पहुंची रकम

शराब घोटाले में बड़ा खुलासा: चैतन्य बघेल ‘बिग बॉस ग्रुप’ से करता था सौदे, चार्जशीट में 1000 करोड़ की हेराफेरी दर्ज

छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाले की जांच में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने सनसनीखेज खुलासे किए हैं। एजेंसी की ओर से कोर्ट में दाखिल पांचवें पूरक आरोप पत्र में दावा किया गया है कि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल उर्फ बिट्टू ने 1000 करोड़ रुपए से ज्यादा की रकम को हैंडल किया। आरोप है कि इस पैसे की डीलिंग के लिए ‘बिग बॉस’ नाम से व्हाट्सएप ग्रुप बनाया गया था, जिसमें अनवर ढेबर, अनिल टुटेजा, सौम्या चौरसिया और पुष्पक जैसे बड़े नाम शामिल थे।

रायपुर। शराब घोटाले की परतें लगातार खुल रही हैं। ईडी ने 15 सितंबर को कोर्ट में 7 हजार से ज्यादा पन्नों की चार्जशीट दाखिल की है। इसमें दावा किया गया है कि चैतन्य बघेल इस पूरे सिंडिकेट का मास्टरमाइंड था। आरोप है कि उसने करीब 200 करोड़ रुपए सीधे अपने लिए रखे, जबकि 850 करोड़ रुपए कांग्रेस नेताओं तक पहुंचाए गए।

वॉट्सऐप ग्रुप से चल रहा था पूरा नेटवर्क

चार्जशीट में खुलासा हुआ है कि सौदों को मैनेज करने के लिए 'बिग बॉस' नाम से वॉट्सऐप ग्रुप बनाया गया था। इसमें चैतन्य बघेल, अनवर ढेबर, अनिल टुटेजा, सौम्या चौरसिया और पुष्पक समेत कई लोग जुड़े थे। इस ग्रुप पर पैसों के लेन-देन, कॉल डिटेल्स और नकली होलोग्राम बनाने तक की बातचीत होती थी। ईडी ने इन चैट्स और स्क्रीनशॉट्स को सबूत के तौर पर पेश किया है।

पप्पू बंसल ने माना करोड़ों का कैश मैनेज किया

दुर्ग-भिलाई के शराब कारोबारी लक्ष्मी नारायण उर्फ पप्पू बंसल ने पूछताछ में कबूल किया कि उन्होंने और चैतन्य ने मिलकर 1000 करोड़ से ज्यादा कैश मैनेज किया। उन्होंने कहा कि यह रकम अनवर ढेबर से दीपेन चावड़ा और फिर कांग्रेस नेताओं रामगोपाल अग्रवाल व केके श्रीवास्तव तक पहुंचाई जाती थी। बंसल ने यह भी माना कि सिर्फ तीन महीने में उन्हें 136 करोड़ रुपए मिले।

रियल एस्टेट और ज्वेलर्स से जुड़ा ब्लैक मनी का खेल

ईडी ने आरोप लगाया कि चैतन्य ने अपने विठ्ठल ग्रीन प्रोजेक्ट और बघेल डेवलपर्स एंड एसोसिएट्स में घोटाले की रकम निवेश की। असल लागत 13–15 करोड़ थी, लेकिन कागजों में सिर्फ 7.14 करोड़ रुपए दिखाए गए। डिजिटल जांच में खुलासा हुआ कि एक ठेकेदार को 4.2 करोड़ कैश में भुगतान किया गया।
भिलाई के बड़े ज्वेलर्स का नाम भी सामने आया, जिन्होंने चैतन्य की कंपनी को 5 करोड़ का नकद लोन दिया और बाद में सिर्फ 80 लाख रुपए में 6 प्लॉट खरीद लिए।

बचाव में उतरे वकील

चैतन्य बघेल के वकील फैजल रिज़वी ने गिरफ्तारी को गैरकानूनी बताया। उनका कहना है कि कार्रवाई पप्पू बंसल के बयान पर आधारित है, जबकि बंसल खुद फरार हैं और उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी है। रिज़वी ने कहा कि उनके मुवक्किल ने जांच में पूरा सहयोग किया और सभी दस्तावेज उपलब्ध कराए, लेकिन बिना बयान दर्ज किए ही गिरफ्तारी की गई।