मामला मर्डर का : भिलाई के कैफे में साजिश, बिहार से मंगाई पिस्टल, नारायणपुर में शूटर्स ने चलाई गोलियां....

छत्तीसगढ़ में कांग्रेस नेता विक्रम बैस हत्याकांड का पुलिस ने गुरुवार को खुलासा किया है। इसमें 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। मास्टरमाइंड मनीष राठौर अब भी फरार है। पुलिस को जांच में पता चला है कि, हत्या की साजिश डेढ़ महीने पहले ही रच ली गई थी। इसके लिए मुख्य आरोपी मनीष राठौर ने भिलाई में प्लानिंग की थी और यहीं से पिस्टल खरीदी थी। नारायणपुर में कांग्रेस नेता और ट्रांसपोर्ट कारोबारी विक्रम बैस की हत्या 13 मई को की गई थी। SP प्रभात कुमार ने खुलासा करते हुए बताया कि, बैस की हत्या धारदार हथियार और गोलीमार कर की गई थी। FIR के बाद पुलिस ने अलग-अलग टीम बनाई। इसमें साइबर सेल की भी मदद ली गई।
मामले में आसपास के लोगों से पूछताछ की गई, CCTV फुटेज और साइबर एनालिसिस की मदद ली गई। इस आधार पर नारायणपुर के मनीष राठौर का नाम सामने आया। विक्रम बैस से मनीष राठौर की पुरानी रंजिश थी। हत्यारों से उनकी व्यवसायिक प्रतिस्पर्धा चल रही थी, यही हत्या की वजह बनी। मनीष और उसके साथी आरोपी ट्रांसपोर्टिंग का काम करते थे। वहीं, कांग्रेस नेता विक्रम बैस भी ट्रांसपोर्ट कारोबार में थे। इसके चलते हत्यारों से उनकी व्यवसायिक प्रतिस्पर्धा चल रही थी, यही हत्या की वजह बनी।
मनीष ने ही बाकी आरोपी विश्वजीत नाग, राजीव रंजन उर्फ राजू, संदीप यादव उर्फ संजू और सैमुआल उर्फ रायनुन्तलम के साथ भिलाई में मीटिंग की। हत्या में इस्तेमाल पिस्टल बिहार के जिला सिवान से लाई गई थी। भिलाई में प्लानिंग के दौरान ही इसे लिया गया। हालांकि बिहार से भिलाई तक पिस्टल कैसे पहुंची यह अभी साफ नहीं हो पाया है। वहीं 2 दिन तक आरोपियों ने विक्रम बैस की रैकी की थी। घटना के दिन विक्रम बैस को अकेला पाकर आरोपी संजू यादव और विश्वजीत नाग ने मिलकर गंडासा से वार किया और फिर पिस्टल से गोली मारकर हत्या कर दी। पिस्टल को मनीष राठौर के गोदाम में छिपा दिया गया था।
बताया जा रहा है कि मनीष राठौर पहले छेड़छाड़ के केस में जेल गया था और कुछ दिन पहले ही छूटकर बाहर आया था। जेल में मनीष की पहचान शूटर विश्वजीत नाग से हुई थी। विश्वजीत ने ही बाकी साथियों से मनीष को मिलवाया था। विश्वजीत नाग बंगाल का रहने वाला है जो मनीष राठौर के गोदाम में रह रहा था। पूछताछ के दौरान जिले में पत्रकारों को धमकी देने के मामले का भी खुलासा हुआ है। मनीष राठौर की ओर से धमकी भरे पत्र लिखे जाते थे इसे विश्वजीत नाग पोस्ट करता था। साथ ही जिले में किशोर आर्या परिवहन संघ अध्यक्ष को धमकी भरा पत्र भेजा गया। इसके अलावा नक्सलियों के नाम पर धमकी भरे बैनर भेजकर लोगों को डराने का काम भी यही गैंग करता था।