दुर्ग में ट्रांसफॉर्मर से लगातार ऑयल चोरी:बिजली विभाग ने पुलिस-प्रशासन से लगाई गुहार

दुर्ग में ट्रांसफॉर्मर से लगातार ऑयल चोरी:बिजली विभाग ने पुलिस-प्रशासन से लगाई गुहार

दुर्ग जिले में इन दिनों बिजली के सामान की चोरी की घटनाएं काफी बढ़ गई हैं। किसानों के पंप से बिजली केबल की चोरी की घटनाओं पर लगाम भी नहीं लग पाई है और अब ट्रांसफार्मर के अंदर से उसका ऑयल भी चोरी होने लगा है। इससे परेशान होकर सीएसपीडीसीएल के जेई ने ट्रांसफार्मर से ऑयल चोरी की शिकायत जेवरा चौकी में दर्ज कराई है। 

विद्युत विभाग ने इस मामले में दुर्ग पुलिस अधिकारी को पत्र लिखकर कार्रवाई की मांग की है। विभाग की जनसंपर्क अधिकारी माया चंद्राकर ने बताया कि किसान अपने खेतों की सिंचाई के लिए पंप लगवा रहे हैं। इसके लिए उन्हें ट्रांसफार्मर भी लगवाना पड़ रहा है। ऐसे ट्रांसफार्मर को ऑयल चोर गिरोह अपना निशाना बना रहे हैं। ये ट्रांसफार्मर सुनसान जगहों पर होते हैं, इसलिए आरोपी आसानी से वारदात को अंजाम दे देते हैं। बिजली विभाग ने अपनी शिकायत में बताया है कि करीब 15 दिन पहले CSPDCL के ननकट्ठी विद्युत केंद्र के जेई ने ग्राम समोदा में लगे ट्रांसफार्मर से ऑयल चोरी की FIR जेवरा चौकी में दर्ज करवाई थी। 

इसके बावजूद पिछले 2-3 दिनों में ननकट्ठी विद्युत वितरण केन्द्र के अंतर्गत पथरिया डोमा, करंजाभिलाई, भटगांव, कचांदुर, रवेलीडीह और करेली में कुल 9 ट्रांसफॉर्मरों से ऑयल चोरी होने की घटना हुई है। जब पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की, तो हताश होकर विद्युत विभाग ने 24 फरवरी को बोरी थाने में प्राथमिकी सूचना दर्ज कराई है।

बिजली विभाग के मुताबिक, ट्रांसफार्मर से ऑयल चोरी की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। ऑयल चोरी से लाखों रुपये मूल्य के ट्रांसफार्मर स्क्रैप में तबदील हो रहे हैं। इसके साथ ही किसानों को भी बिजली आपूर्ति प्रभावित होने से फसल खराब होने की चिंता सता रही है।

विद्युत विभाग ने पुलिस-प्रशासन से दोषियों की पहचान कर उनके ऊपर कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है। विभाग ने किसानों से अपील की है कि वो अपने स्तर पर चोरी की घटना को रोकने के लिए खेतों में लगे ट्रांसफार्मर की निगरानी करें और संदेही देखे जाने पर तत्काल उसकी सूचना थाने में दें। 

छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड के संचार एवं सुधार विभाग के कार्यपालन अभियंता एके बिजौरा ने बताया कि ट्रांसफार्मर के ऑयल में लुब्रीकेट्स होता है। इसलिए उसकी डिमांड मार्केट में अच्छी है। चोर चोरी करने के बाद ये आयल गाड़ियों की मरम्मत, स्टार्टर बनाने वालों की दुकान में बेच देते हैं। कई जगह लोग इसे ईधन और घरेलू दवा के रूप में भी इसेत्माल करते हैं। इतना ही नहीं मशीनों की ओवर ऑयलिंग का काम करने वाले लोग इसका उपयोग करते हैं।

इंजीनियर बिजौरा ने बताया कि ट्रांसफार्मर में जब हाई वोल्टेज का करेंट आता है और उसको कम वोल्टेज में कनवर्ट करके आगे सप्लाई किया जाता है तो वो काफी गर्म हो जाता है। इसलिए इस आयल को ट्रांसफार्मर के अंदर डाला जाता है। ये तेल ट्रांसफार्मर को जल्द गर्म होने से बचाता है। यद ट्रांसफार्मर में ये तेल ना डाला जाए तो लगातार ओवर लोड, अन बैलेंस करेंट वजह से वो फुंक जाते हैं।

ट्रांसफार्मर का मुख्य कार्य एक फीडर से आने वाले करेंट को दूसरे सब फीडर में कम करके भेजना होता है। जैसे किसी केंद्र से आने वाले करंट का लोड 440 केवी है। ट्रांसफार्मर उसे कम करके 220, 132, 33 व 11 केवी के उपकेंद्रों में सप्लाई देता है।