प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण और पर्यावरण की सुरक्षा के महत्व के बारे में जागरूक करना ही उद्देश्य
28 जुलाई विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस प्रकृति के संरक्षण दिवस इस बात पर जोर देता है कि स्वास्थ्य पर्यावरण स्थिर और स्वास्थ्य समाज की निव रखी गई है सनातन संस्कृति के मूल में सदा से प्रकृति संरक्षण व उसके प्रति आदर की परंपरा रही है पर्यावरण प्रकृति प्रेमी प्रशांत कुमार क्षीरसागर सागर सागर

आज यानी 28 जुलाई को हर साल विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस के रूप में मनाया जाता है. इस दिन को मनाने का खास कारण लोगों को प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण और पर्यावरण की सुरक्षा के महत्व के बारे में जागरूक करना और उन्हें इसे बचाने के लिए प्रेरित करना है. यह दिन पूरी दुनिया में मनाया जाता है
पर्यवरण प्रकृति प्रेमी समाजसेवी प्रशांत कुमार क्षीरसागर अपने विचार साझा करते हुए बताया जो लोग एक साथ मिलकर इसे बचाने की योजना भी बनाते हैंइस वर्ष की की थीम बात करें तो पर्यावरण प्रकृति प्रेमी प्रशांत कुमार क्षीरसागर ने बताया इस वर्ष की थीम प्रकृति संरक्षण दिवस 2024 का विषय है “लोगों और पौधों को जोड़ना, और साथ में वन्यजीव संरक्षण में डिजिटल नवाचार की खोज करना.”विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस के महत्व की बात करें तो बढ़ती ग्लोबल वार्मिंग, प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन गंभीर चिंता का विषय है और हमें इस पर काम करना होगा और अपने प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा करनी होगी और हमें लोगों को भी इस संसाधन के प्रति जागरूक करना होगा ताकि वे इसका अधिक से अधिक प्रकृति संरक्षण करें. लोगों को पानी की बर्बादी नहीं करनी चाहिए, हमें प्रदूषण नहीं फैलाना चाहिए, हमें पेड़ों को नहीं काटना चाहिए, हमें अधिक से अधिक पौधे लगाने चाहिए और इसके संरक्षण के लिए और भी कई तरीके हैं. प्रशांत कुमार क्षीरसागर “जो पेड़ लगाता है वह अपने अलावा दूसरों से भी प्यार करता है”. तो आज का विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस यह है की हमें यह सिखाता है कि हमारी हरी पृथ्वी को कैसे बचाया जाए और इस प्राकृतिक संसाधन के बारे में मानव जाति को कैसे जागरूक किया जाए और लोगों को बदलते जलवायु के इस समय में जितना संभव हो सके प्रदूषण को कम करने के लिए कैसे सिखाया जाए.