बिलासपुर में सट्‌टे का नया सिंडिकेट:SP के बदलते ही सट्‌टेबाजों का बदल जाता है थाना, थाने के चर्चित आरक्षक करते हैं वसूली

बिलासपुर में सट्‌टे का नया सिंडिकेट:SP के बदलते ही सट्‌टेबाजों का बदल जाता है थाना, थाने के चर्चित आरक्षक करते हैं वसूली

बिलासपुर में सट्‌टे का नया सिंडिकेट:SP के बदलते ही सट्‌टेबाजों का बदल जाता है थाना, थाने के चर्चित आरक्षक करते हैं वसूली

बिलासपुर में सट्‌टेबाजों का सिंडिकेट खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा है। SP के बदलते ही शहर के बड़े खाईवाल व सटोरियों भी बदल जाते हैं और आपस में थाना भी बांट लेते हैं। सरकंडा, सिविल लाइन के साथ ही सटोरियों ने ग्रामीण इलाकों में भी जाल फैला लिया है। इधर, कुछ थानों में थानेदार अपने चहेते आरक्षकों के जरिए नए सट्‌टेबाजों की एंट्री करा रहे हैं। स्थिति यह है कि चौक-चौराहों में सट्‌टेबाजों के एजेंट पान दुकान और गुमटियों की आड़ में खुलेआम अपना कारोबार चला रहे हैं।

शहर के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में भी सट्‌टे का सट्‌टे का अवैध कारोबार बड़े पैमाने पर चल रहा है। शहर के अरपा पार सरकंडा थाना क्षेत्र में नूतन चौक लेकर मोपका चौक तक जगह-जगह पान ठेला, लांड्री और बाजार के आसपास खाईवाल के एजेंट व सट्‌टा लिखने वाले सक्रिय हो गए हैं। दरअसल, शहर के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में सटोरियों व खाईवालों का सिंडिकेट चल रहा है। इस हिसाब से अलग-अलग एरिया में उनका कारोबार चल रहा है।

थानेदार अपने मनपसंद सट्‌टेबाजों की कराते हैं एंट्री
सरकंडा इलाके में पहले बजाज सट्‌टेबाज अकेले कारोबार चलाता था। उसकी ऊपर तक सेटिंग होने की बात कही जाती रही है। लेकिन, उसका ठिकाना बदल गया है। उसकी जगह सोनी और महेश नाम के सट्‌टेबाजों की एंट्री हो गई है। बताते हैं कि यहां नए थानेदार ने अपने मनपसंद सट्‌टेबाज की एंट्री कराई है, जिसमें उनके चहेते आरक्षक की महत्वपूर्ण भूमिका है।

शहर से लेकर गांव तक फैला कारोबार
सरकंडा क्षेत्र के चर्चित सट्‌टेबाज ने नया इलाका बना लिया है। यहां से कारोबार समेट कर वह कोतवाली और तोरवा इलाके में पहुंच गया है। यही नहीं अब वह ग्रामीण क्षेत्र के थानों में भी एंट्री कर लिया है और अपना अवैध कारोबार बेखौफ होकर संचालित कर रहा है।

थानेदारों की तरह बंटा है थाना
शहर के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में सटोरियों व खाईवालों का अपना-अपना थाना बंटा है। मतलब साफ है कि जिसको जिस एरिया का काम मिला है वह उसी क्षेत्र में सट्‌टा खिलाएगा और उसके एजेंट सट्‌टापट्‌टी लिखेंगे। एक सटोरिया दूसरे के क्षेत्र में जाकर अपना कारोबार नहीं कर सकता। सरकंडा, सिरगिट्‌टी व सिविल लाइन जैसे बड़े थानों में दो-दो सटोरिए सक्रिय हैं। इधर, कुछ सटोरिए एक साथ दो-दो थाना क्षेत्र में काम चला रहे हैं। इसमें तारबाहर और सकरी में एक ही खाईवाल का कारोबार चल रहा है।

थानेदारों के लिए आसान है सेटिंग
सटोरियों के सिंडिकेट बनने से थानेदारों के लिए भी वसूली का काम आसान हो गया है। खाईवालों ने ऊपर से नीचे तक एक रेट फिक्स कर दिया है, जो हर महीना उन तक पहुंच जाता है। जब पुलिस पर कार्रवाई का दबाव पड़ता है, तब दिखावे और कार्रवाई का आंकड़ा बताने के लिए पट्‌टी लिखने वालों पर कार्रवाई कर दी जाती है।

चहेते आरक्षकों करते हैं लाइजनिंग
दरअसल, शहर में सट्‌टेबाजों की लाइजनिंग करने के लिए कुछ आरक्षक चिन्हिंत है। सट्‌टेबाजों से उनकी तगड़ी सेटिंग है। पहले आईपीएल क्रिकेट मैच और सीजनल सट्‌टा खिलाने वाले सट्टेबाज भी डेली सट्‌टा में आ गए हैं। इसमें उन बदनाम आरक्षकों की भूमिका है, जो ब्रांच में रहकर पहले सट्‌टेबाजों से सेटिंग करते थे। वहीं, अब थानेदारों के लिए सेटिंग करने लगे हैं।

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