बिलासपुर में गुंडों की शामत: SSP के सुपरविजन में चला 'सुपर-संडे ऑपरेशन', 30 वारंट तामील, 2 फरार गिरफ्तार
159 निगरानी बदमाशों की घर जाकर जांच, 62 संदिग्धों से थानों में पूछताछ, SSP रजनेश सिंह की अपराधियों पर 'जीरो टॉलरेंस' नीति का असर

बिलासपुर पुलिस ने गुंडा तत्वों और फरार आरोपियों के खिलाफ ताबड़तोड़ अभियान चलाकर अपराधियों की नींद उड़ा दी। SSP रजनेश सिंह के निर्देशन में चले इस एक्शन प्लान में 30 वारंट तामील, 2 लंबे समय से फरार अपराधी गिरफ्तार, और 159 निगरानी बदमाशों की चेकिंग की गई। थानों से लेकर मोहल्लों तक चली इस कार्रवाई से पूरे जिले में कानून का खौफ साफ नजर आया।
बिलासपुर | रविवार को जब शहर आराम के मूड में था, बिलासपुर पुलिस ने 'सुपर-संडे ऑपरेशन' चलाकर अपराधियों को सांस लेने तक की फुर्सत नहीं दी। SSP रजनेश सिंह (भा.पु.से.) के निर्देश पर पूरे जिले में एक साथ दबिश देकर अपराधियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की गई।
इस विशेष अभियान का संचालन एएसपी राजेन्द्र कुमार जायसवाल, एएसपी अर्चना झा और एएसपी अनुज कुमार के नेतृत्व में किया गया, लेकिन पूरी रणनीति और निगरानी खुद SSP रजनेश सिंह ने की।
एक्शन की बड़ी बातें:
✅ 11 स्थायी वारंट और 19 गिरफ्तारी वारंट, कुल 30 वारंट तामील
✅ 2 फरार आरोपी गिरफ्तार, जो 5-6 साल से वांछित थे
✅ 159 निगरानी बदमाशों की उनके घर जाकर जांच
✅ 62 संदिग्धों को थानों में तलब, फिंगरप्रिंट और आईसीजेएस पोर्टल से वेरिफिकेशन
✅ 24 जिलाबदर अपराधियों की स्थिति की समीक्षा
✅ संदिग्धों की गतिविधियों की सामाजिक रूप से भी पड़ताल की गई
अभियान के उद्देश्य:
- जिले में असामाजिक तत्वों की सक्रियता पर रोक
- वांछित व वारंटी अपराधियों की गिरफ्तारी
- गुंडा व निगरानी सूची की पुन: समीक्षा
- संदिग्धों की सटीक पहचान और ट्रैकिंग
- विदेशी नागरिकों की अवैध मौजूदगी की जांच
SSP की स्पष्ट नीति – अपराधियों को बख्शा नहीं जाएगा
SSP रजनेश सिंह ने कहा, “पुलिस का मकसद आमजन में सुरक्षा की भावना और अपराधियों में कानून का डर कायम करना है।” उन्होंने सभी थाना प्रभारियों को निर्देश दिया है कि गुंडा और निगरानी बदमाशों को नियमित तलब कर, उनकी गतिविधियों पर पैनी नजर रखी जाए। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि शांत बैठे बदमाश भी रडार पर हैं और अगले चरण में उनके खिलाफ कार्रवाई तेज होगी।
अभियान में शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों के थानों ने सक्रियता दिखाई। कोटा, रतनपुर, सीपत, तोरवा, सकरी, तखतपुर, सरकंडा जैसे इलाकों में चिन्हित बदमाशों के ठिकानों पर दबिश दी गई। थाने न आने वालों के घर जाकर जानकारी ली गई और उनके सामाजिक नेटवर्क की भी पड़ताल की गई।