छत्तीसगढ़ में स्कूली शिक्षा गर्त में: विधायक देवेंद्र यादव ने उठाए अव्यवस्थाओं पर गंभीर सवाल
स्कूलों की मरम्मत अधर में, शिक्षकों का विरोध चरम पर, किताबें कबाड़ी बाजार में — शिक्षा व्यवस्था पर उठे भरोसे के सवाल
भिलाई नगर विधायक देवेंद्र यादव ने राज्य सरकार की शिक्षा व्यवस्था पर कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि सरकार बच्चों की शिक्षा को लेकर न तो गंभीर है और न ही संवेदनशील। स्कूलों की जर्जर हालत, संसाधनों की भारी कमी और शिक्षकों का आंदोलन, यह सब छत्तीसगढ़ के भविष्य के लिए चिंताजनक संकेत हैं।
भिलाई नगर | छत्तीसगढ़ की स्कूली शिक्षा व्यवस्था को लेकर भिलाई नगर विधायक देवेंद्र यादव ने राज्य सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि गर्मी की छुट्टियों के बाद जब स्कूलों का नया सत्र शुरू हुआ, तो बच्चों के स्वागत की जगह शिक्षकों का विरोध प्रदर्शन और स्कूलों की बदहाल हालत सामने आई।
संसाधनों की भारी कमी, मरम्मत अधूरी
विधायक यादव ने आरोप लगाया कि गर्मी भर समय मिलने के बावजूद सरकार स्कूल भवनों की मरम्मत और रंगरोगन तक नहीं करवा सकी। अधिकांश स्कूलों में न तो पर्याप्त पुस्तकें हैं, न स्टेशनरी और न ही आवश्यक शिक्षण सामग्री।
शिक्षकों का आंदोलन, युक्तिकरण बना संकट
शिक्षकों ने सत्र के पहले दिन काली पट्टी बांधकर विरोध जताया। विधायक का कहना है कि सरकार के "युक्तियुक्तकरण" के निर्णय के चलते 10370 स्कूल बंद हो चुके हैं, और कई स्कूलों में अब तक शिक्षकों की तैनाती नहीं हो सकी है। इस फैसले से करीब 46000 शिक्षकों के पद समाप्त हो गए हैं, जिससे शिक्षक संघ और शिक्षा प्रशिक्षित बेरोजगार युवा नाराज़ हैं।
रसोइया और सफाईकर्मी भी नाराज़
मिड-डे मील योजना में कार्यरत रसोइया संघ और स्कूल सफाईकर्मी भी अव्यवस्था और अनदेखी से आक्रोशित होकर आंदोलन की राह पर हैं। शिक्षा विभाग की ढिलाई से पूरा सेटअप अस्त-व्यस्त हो गया है।
बीते कार्यकाल की योजनाओं पर ब्रेक
विधायक यादव ने बताया कि पिछली सरकार ने "मुख्यमंत्री स्कूल जतन योजना" के तहत स्कूलों की मरम्मत और तैयारियों के लिए फंड जारी किया था, लेकिन वर्तमान सरकार ने न सिर्फ उसे रोका बल्कि जारी 110 करोड़ रुपए में से 40 करोड़ की राशि वापस ले ली है।
पुस्तकें पहुंची कबाड़ी बाजार तक!
स्कूलों में वितरित होने वाली निःशुल्क किताबें अब छात्रों तक पहुंचने की बजाय कबाड़ी बाजार में बिकती पाई जा रही हैं। राजधानी रायपुर के धरसींवा से जुड़ा एक वीडियो वायरल हुआ है जिसमें नई किताबें कबाड़ी को बेचते हुए देखी गई हैं।
विधायक यादव का सवाल
"क्या ऐसी शिक्षा व्यवस्था से हम भविष्य गढ़ेंगे? यदि स्कूलों में शिक्षक नहीं, सामग्री नहीं, स्वागत नहीं, तो बच्चा सीखेगा कैसे?" — विधायक यादव का यह सवाल सरकार की नीतियों पर एक जिम्मेदार और जरूरी चोट है।