'महतारी वंदन योजना में फिर लिए जाएंगे आवेदन':रायपुर में CM साय बोले- यह वन-टाइम स्कीम नहीं

छत्तीसगढ़ में चल रही महतारी वंदन योजना के लिए आवेदन करने की 20 फरवरी यानी आज अंतिम तारीख थी। इस बीच मंगलवार को मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि, महतारी वंदन योजना वन टाइम स्कीम नहीं होगी। ये आने वाले समय में चलती रहेगी। रायपुर में मीडिया से CM साय ने कहा कि, योजना के आवेदन लिए जाते रहेंगे और महिलाओं को हर महीने 1 हजार रुपए दिए जाएंगे। उन्होंने बताया कि, अभी तक का 70 लाख आवेदन आ चुके हैं। आज आखिरी दिन है। एक बार सभी के आवेदन आने के बाद जांच होगी।
साय ने कहा कि, दवा-आपत्ति का भी समय रहेगा। इसके बाद अंतिम सूची का प्रकाशन होगा। फिर महतारी वंदन योजना में लाभ मिलेगा। यह योजना सतत आगे भी चालू रहेगी। कोई पात्र अगर छूट जाएंगे तो वह फिर से आवेदन करेंगे। उनको योजना का लाभ दिया जाएगा।
योजना में आए आवेदनों की छंटनी की जाएगी। नियमानुसार आवेदन होने पर ही रुपए मिलेंगे। हर आवेदक काे योजना का फायदा नहीं मिलेगा। सरकार की ओर से विभाग ने साफ किया है कि हितग्राहियों के खातों में डीबीटी के माध्यम से पहली बार मार्च में पैसे आएंगे।
वैरिफिकेशन के बाद जारी होगी अनंतिम सूची
आवेदनों का वैरिफिकेशन होगा। इसके बाद अनंतिम सूची जारी की जाएगी। अनंतिम सूची जारी करने के बाद दावा आपत्ति भी ली जाएगी। दावा आपत्ति के निराकरण के बाद अंतिम सूची जारी की जाएगी। फाइनल लिस्ट में जिनका नाम होगा उन्हें पैसे मिलेंगे।
साय सरकार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की छत्तीसगढ़ की जनता को दी गई गारंटी पूरी करने जा रही है। योजना के तहत छत्तीसगढ़ की पात्र विवाहित महिलाओं के खाते में सालाना 12 हजार रुपए के हिसाब से प्रति माह एक हजार रुपए ट्रांसफर किए जाएंगे।
हितग्राहियों के लिए महतारी वंदन योजना के ऑनलाइन पोर्टल पर आवेदन पत्र की स्थिति की जानकारी की भी सुविधा दी जा रही है। महिलाएं अपना रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर या आधार नंबर दर्ज कर आवेदन पर की गई कार्यवाही की जानकारी ले सकेंगी।
कौन होंगे पात्र-अपात्र
- महतारी वंदन योजना के लिए आवेदक को छत्तीसगढ़ का निवासी होना जरूरी है।
- इसके अलावा जिस साल आवेदन किया जा रहा है उस साल विवाहित महिला की उम्र 1 जनवरी 2024 से 21 साल से कम नहीं होनी चाहिए।
- योजना के तहत विधवा, तलाकशुदा, परित्यक्ता महिलाएं भी पात्र होंगी।
महतारी वंदन योजना के तहत अपात्रता की श्रेणी में ऐसी महिलाओं को रखा गया है, जिनके परिवार का कोई भी सदस्य आयकर दाता हो। साथ ही परिवार का कोई भी सदस्य भारत सरकार या राज्य सरकार के विभाग, उपक्रम, मंडल, स्थानीय निकाय के स्थायी, अस्थायी, संविदा पदों पर कार्यरत प्रथम वर्ग, द्वितीय वर्ग और तृतीय वर्ग के अधिकारी-कर्मचारी हो।