रितेश्वर महाराज बोले- छत्तीसगढ़ में हो शराबबंदी:रायपुर में कहा- शराब के टैक्स के बल पर चलने वाली सरकारों को लज्जा आनी चाहिए

रितेश्वर महाराज बोले- छत्तीसगढ़ में हो शराबबंदी:रायपुर में कहा- शराब के टैक्स के बल पर चलने वाली सरकारों को लज्जा आनी चाहिए

शनिवार को वृंदावन आनंद धाम के प्रमुख रितेश्वर महाराज रायपुर पहुंचे। उन्होंने शराबबंदी नशाखोरी को लेकर बड़ी बातें कहीं। सख्त अंदाज में प्रदेश और देश की सरकार को कुछ हिदायतें भी दीं। उन्होंने कहा की छत्तीसगढ़ पंजाब की तरह नशे की ओर बढ़ता जा रहा है। लाखों घर टूट रहे है। जो सरकारें शराब के टैक्स से चलती हैं उन्हें लज्जा आनी चाहिए।

देश में किसी भी दल की सरकार हो अगर वह शराब और नशे के टैक्स से चलती हो उसका मंगल नहीं हो सकता। उन्होंने सरकार से अपील की है छत्तीसगढ़ राज्य में शराबबंदी की जाए। प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उन्होंने कहा कि, गांव -गांव में नशा बढ़ता जा रहा है। अगर सरकार इस पर रोक नहीं लगाएगी तो लूटपाट, हत्या और बलात्कार की घटनाएं बढ़ेंगी। इसे नहीं रोका गया तो प्रदेश में अराजकता बढ़ेगी।

रितेश्वर महाराज ने कहा- धर्म परिवर्तन के प्रभाव देश में अच्छे नहीं रहे हैं। मणिपुर इसका उदाहरण है। धर्मांतरण की अपेक्षा अगर हम सबके विकास की चर्चा करें, उनके लिए दाल रोटी और मकान की व्यवस्था करें तो अच्छा होगा। मानवता के प्रति मेरा दृष्टिकोण सच्चा है तो मैं देखूंगा कि कौन भूखा है, ये नहीं देखूंगा कि उसकी वर्ण व्यवस्था या उसकी जाति क्या है। धर्मांतरण का समर्थन कोई सनातनी या धार्मिक व्यक्ति नहीं कर सकता, इससे जटिलताएं बढ़ेंगी।

CBSE की तरह सनातनी शिक्षा बोर्ड बने

रितेश्वर महाराज ने कहा- सनातन एक संस्कृति है और भारत में रहने वाला हर व्यक्ति सनातनी है। सबके पूर्वज भी वही हैं। 145 करोड़ सनातनियों के लिए यहां मुगलों के शिक्षा व्यवस्था की जरूरत नहीं है। हमारी प्राचीन शिक्षा व्यवस्था रही है। नासा में 30% वैज्ञानिक भारतीय हैं। हम अपनी शिक्षा व्यवस्था से पढ़ेंगे अंग्रेजों और मुगलों की शिक्षा व्यवस्था से हम नहीं पढ़ेंगे। सनातनी शिक्षा बोर्ड बनाना चाहिए, स्कूलों में इसकी शिक्षा देनी चाहिए।

रितेश्वर महाराज ने हिंदू राष्ट्र के मसले पर कहा- सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि हिंदुत्व एक जीवन पद्धति है। मैं राम राज्य की परिकल्पना करता हूं, मैं हिंदू राष्ट्र से अलग नहीं हूं। लेकिन यह शब्दों का हेर-फेर है। हिंदू तो रावण भी था, क्या वैसा राष्ट्र बनाना चाहते हैं, या कंस की तरह?

मैं चाहता हूं राम की तरह राज्य हो। भगवान कृष्ण की तरह राज्य हो जहां भगवान कृष्ण अपने नेत्रों के जल से सुदामा के पैर धोते हैं। भगवान राम का राज्य आए जहां शबरी और निषाद राज को भगवान गले लगाते हैं।

कैसे आएगा राम राज्य

रितेश्वर महाराज ने ये भी बताया कि भारत में राम राज्य कैसे आएगा। उन्होंने मीडिया के सवाल के जवाब में कहा- मैं राम राज्य की परिकल्पना करता हूं। राम राज्य की तीन परिभाषा है, यह पूरे भारत की जरूरत भी है। तीन बातों पर ये आधारित है। निशुल्क और उत्तम शिक्षा, चिकित्सा और अविलंब न्याय। ये तीन चीजें जिस राष्ट्र में होंगी वही राम राज्य होगा, स्विट्जरलैंड में अगर यह हो गया तो वहां राम राज्य आ जाएगा, भारत देखता रह जाएगा।

खुद को सांप्रदायिक कहने पर मुझे डर नहीं लगता

महाराज ने कहा सत्य धारण करने की क्षमता जिसमें है वही धर्म है। क्या राजनीति सत्य और झूठ से चलनी चाहिए या फिर कपट और धर्म से चलनी चाहिए। धर्म का अर्थ रिलिजन नहीं होता, तिलक और दाढ़ी नहीं होते। धर्म का अर्थ होता है कि एक मनुष्य, मनुष्य के रूप में विकसित हो और मनुष्यता से देवत्व की ओर जाए, उसके भीतर सद्गुणों का विकास हो और जब धर्म की सच्ची परिभाषा आप जानेंगे तो आप भी कहेंगे की क्यों भारत धर्मनिरपेक्ष बनकर रह गया है।