संत निरंकारी मिशन का विशाल रक्तदान शिविर: 312 यूनिट रक्तदान कर रचा मानवता की सेवा का इतिहास

388 लोगों ने किया पंजीकरण, 312 ने किया सफल रक्तदान

  • मानव एकता दिवस पर लगाया गया शिविर
  • महिलाएं भी पीछे नहीं, 97 यूनिट रक्तदान कर दिखाई भागीदारी
  • जनप्रतिनिधियों और प्रशासनिक अधिकारियों ने भी बढ़ाया उत्साह

मानवता के नाम समर्पित संत निरंकारी मिशन ने 24 अप्रैल को 'मानव एकता दिवस' के अवसर पर विशाल रक्तदान शिविर का आयोजन किया। "रक्त नालियों में नहीं, नाड़ियों में बहना चाहिए"—इस विचार को साकार करते हुए मिशन ने 312 यूनिट रक्त एकत्र कर एक सशक्त सामाजिक संदेश दिया।

भिलाई। संत निरंकारी मिशन द्वारा 24 अप्रैल को ‘मानव एकता दिवस’ के रूप में मनाया गया, जो उन महापुरुषों को समर्पित है जिन्होंने अपना जीवन मानव सेवा में अर्पित किया। इसी उपलक्ष्य में अय्यप्पा मंदिर, सेक्टर-2 में एक भव्य रक्तदान शिविर आयोजित किया गया। इस शिविर में कुल 388 लोगों ने पंजीकरण कराया, जिनमें से 312 ने सफलतापूर्वक रक्तदान किया। हीमोग्लोबिन की कमी और अन्य स्वास्थ्य कारणों से 76 लोगों को रक्तदान से वंचित रहना पड़ा।

इस नेक पहल में 97 महिलाओं और 215 पुरुषों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। नगर निगम आयुक्त श्री राजीव पांडे ने भी रक्तदान कर मानवता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दर्शाया। कार्यक्रम का संयोजन कर रहे श्री सतपाल सैनी ने बताया कि मिशन द्वारा पिछले 40 वर्षों में लाखों यूनिट रक्तदान किया जा चुका है।

इस अवसर पर सद्गुरु माता सुदीक्षा जी के वचनों से प्रेरित होकर अनेक परिवारों ने सामूहिक रूप से रक्तदान कर एक नई मिसाल पेश की। आयोजन में विधायक रिकेश सेन, पुलिस अधीक्षक विजय अग्रवाल, महापौर नीरज पाल, और चेंबर ऑफ कॉमर्स के महामंत्री अजय भसीन जैसे विशिष्ट अतिथियों की उपस्थिति ने आयोजन को गौरवमयी बना दिया।

संत रूप चंद पृथ्वानी जी ने सत्संग को संबोधित करते हुए कहा कि निरंकारी मिशन का उद्देश्य है—मानव कल्याण और परमात्मा से जुड़ाव। मिशन यह मानता है कि परमात्मा निराकार है और हर जीव में व्याप्त है।

रक्त संग्रह का कार्य जिला चिकित्सालय दुर्ग की टीम ने डॉ. प्रवीण अग्रवाल की देखरेख में किया। लैब टेक्नीशियन और पैरामेडिकल स्टाफ की टीम, जिसमें रोशन सिंह, रूपेश सरपे, महेंद्र चंद्राकर, सती गुप्ता, टी. एस. एंथोनी जैसे कर्मठ सदस्य शामिल रहे, ने समर्पित सेवा दी।

कार्यक्रम को सफल बनाने में सेवादल के युवाओं, बहनों और संगठन के कार्यकर्ताओं—जैसे कि संदीप निरंकारी, इंद्रजीत निरंकारी, डॉ. एस. एल. वर्मा, और अन्य सेवकों ने अहम भूमिका निभाई।