15 माह की वेतन-बोनस बकाया: टॉप वर्थ स्टील के 600 श्रमिक अनिश्चितकालीन हड़ताल पर
- कंपनी प्रबंधन पर ठेका बताकर भुगतान से इनकार का आरोप
- टेंट में खाना, रहना, सोना — संघर्ष की जमीन पर डटे श्रमिक
- समर्थन में उतरे मज़दूर संगठन और जनप्रतिनिधि, प्रशासन मौन
दुर्ग जिले के रसमदा स्थित टॉप वर्थ स्टील प्लांट में 600 से अधिक श्रमिक 15 माह की बकाया वेतन और बोनस की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठ गए हैं। प्रबंधन द्वारा ठेका श्रमिक बताकर भुगतान न करने से नाराज श्रमिक अब कंपनी गेट के बाहर टेंट लगाकर धरना दे रहे हैं।
रसमदा, दुर्ग। टॉप वर्थ स्टील प्लांट के बाहर 600 श्रमिकों का असंतोष अब आंदोलन का रूप ले चुका है। श्रमिकों का आरोप है कि अप्रैल 2020 से जुलाई 2020 तक चार माह और अप्रैल 2021 से मार्च 2022 तक कुल 11 माह तक संयंत्र बंद रहा, इस दौरान कुल 15 माह का वेतन और बोनस 600 श्रमिकों को नहीं दिया गया।
श्रमिकों का कहना है कि प्रबंधन ने उन्हें ठेका श्रमिक बताकर वेतन से वंचित किया, जबकि 300 अन्य श्रमिकों को उसी दौरान भुगतान किया गया। नाराज श्रमिक अब संस्थान के बाहर टेंट लगाकर रह रहे हैं — वहीं खाना बना रहे हैं, खा रहे हैं और वहीं सो भी रहे हैं।
छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा के अध्यक्ष भीमराव बांगडे, हिंद मजदूर सभा के एच.एस. मिश्रा और जिला जनपद सदस्य नंदकुमार साहू श्रमिकों के समर्थन में मैदान में हैं। इन सभी का कहना है कि जब तक श्रमिकों को उनका हक नहीं मिल जाता, आंदोलन जारी रहेगा।
इधर कंपनी प्रबंधन का रवैया निर्दयी और अड़ियल बना हुआ है। वहीं प्रशासन और श्रम विभाग की निष्क्रियता ने स्थिति को और तनावपूर्ण बना दिया है। हड़ताल कब तक चलेगी, इसका जवाब अब सिर्फ श्रमिकों को उनका हक मिलने पर ही मिलेगा।