स्कूलों के बच्चे बनेंगे 'पुलिस मित्र', थाना भ्रमण से होगी शुरुआत
500 से अधिक स्कूलों के प्राचार्य व पीटीआई को ट्रैफिक नियम, पोक्सो व साइबर क्राइम पर दी गई विशेष ट्रेनिंग, बच्चों को जागरूक करने की तैयारी
दुर्ग जिले के स्कूली बच्चों और पुलिस के बीच दूरी कम करने एक अभिनव पहल की जा रही है। अब बच्चे न केवल थाने का भ्रमण करेंगे, बल्कि पुलिस को अपना मित्र भी बनाएंगे। इसके साथ ही उन्हें ट्रैफिक नियम, साइबर सुरक्षा और संवेदनशील कानूनों की जानकारी देने के लिए शिक्षकों को विशेष प्रशिक्षण दिया गया है।
दुर्ग। दुर्ग जिले में बच्चों को पुलिस से जोड़ने और उन्हें जागरूक नागरिक बनाने की दिशा में शिक्षा विभाग और जिला प्रशासन ने संयुक्त पहल की है। इसके तहत स्कूली बच्चे थानों का भ्रमण करेंगे, पुलिस से संवाद करेंगे और उन्हें 'पुलिस मित्र' के रूप में जानेंगे। इस प्रयास का उद्देश्य यह है कि बच्चे पुलिस से न डरें, बल्कि किसी भी आपात स्थिति में उसकी मदद लेने में संकोच न करें।
इस अभियान की शुरुआत करते हुए जिले के 500 से अधिक स्कूलों के प्राचार्यों और पीटीआई शिक्षकों को ट्रैफिक रूल्स, पोक्सो एक्ट, साइबर क्राइम और 'गुड टच-बैड टच' जैसे विषयों पर विशेष प्रशिक्षण दिया गया। यह प्रशिक्षण शहर के एक निजी स्कूल के ऑडिटोरियम में आयोजित किया गया, जिसमें एसएसपी विजय अग्रवाल, एएसपी सुखनंदन राठौर, एएसपी रिचा मिश्रा, एएसपी पद्मश्री तंवर और सीएसपी सत्यप्रकाश तिवारी ने विषयवार मार्गदर्शन दिया।
जिला शिक्षा अधिकारी अरविंद मिश्रा ने बताया कि पहली बार इस तरह का आयोजन शिक्षा विभाग व प्रशासन के सहयोग से हुआ है। उन्होंने कहा कि हर बार पुलिस स्कूल जाकर प्रशिक्षण नहीं दे सकती, इसलिए अब यह जिम्मेदारी स्कूलों के प्राचार्य और पीटीआई निभाएंगे। वे नियमित रूप से छात्रों को कानून, ट्रैफिक रूल्स और साइबर सुरक्षा की जानकारी देंगे।
एएसपी ट्रैफिक ने बताया कि ट्रैफिक अवेयरनेस जैसे विषय अकसर स्कूली पाठ्यक्रम से बाहर रह जाते हैं, जबकि यह हर छात्र के लिए जरूरी है — चाहे वह किसी भी वाहन से स्कूल आता हो। उन्होंने सुझाव दिया कि पीटीआई शिक्षक खेल पीरियड में प्रतिदिन कुछ मिनट ट्रैफिक नियमों की जानकारी देकर छात्रों को जागरूक कर सकते हैं। इस तरह छात्र सालभर में एक जिम्मेदार नागरिक बनने की दिशा में आगे बढ़ेंगे।