भिलाई नगर निगम ने संपत्ति कर जांच व सुधार को लेकर शुरू की सख्ती, प्रशिक्षण में दिए स्पष्ट निर्देश

स्वविवरणी जांच में 10% से अधिक अंतर आने पर लग सकती है 5 गुना पेनाल्टी, आयुक्त ने की त्रुटि सुधार की अपील

भिलाई नगर निगम ने संपत्ति कर में पारदर्शिता व सटीकता सुनिश्चित करने के लिए विशेष अभियान की शुरुआत की है। आयुक्त राजीव कुमार पांडेय की उपस्थिति में निगम सभागार में संपत्ति कर निर्धारण और जांच प्रक्रिया को लेकर कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया गया। इस अवसर पर पेनाल्टी, छूट और सुधार प्रक्रिया की विस्तृत जानकारी दी गई।

भिलाईनगर। नगर पालिक निगम भिलाई द्वारा संपत्ति कर प्रणाली में पारदर्शिता लाने और त्रुटियों को समय रहते सुधारने हेतु एक विशेष प्रशिक्षण सत्र का आयोजन किया गया। आयुक्त राजीव कुमार पांडेय की अध्यक्षता में आयोजित इस कार्यक्रम में निगम के विभिन्न ज़ोन अधिकारियों व राजस्व टीम को संपत्ति कर जांच से संबंधित दिशा-निर्देश दिए गए।

आयुक्त पांडेय ने जानकारी दी कि शहर को संपत्ति कर निर्धारण के लिए चार प्रमुख श्रेणियों—आवासीय, व्यवसायिक, आवासीय-व्यवसायिक और औद्योगिक—में विभाजित किया गया है, जिनकी कर दरें अलग-अलग निर्धारित की गई हैं। नागरिकों द्वारा भरे गए स्वविवरणी प्रपत्रों की 60 दिनों के भीतर यदि जांच नहीं होती है और बाद में क्षेत्रफल में 10% से अधिक का अंतर पाया जाता है, तो 5 गुना तक की पेनाल्टी का प्रावधान है।

उन्होंने नागरिकों से अपील की कि वे पूर्व जांच के दौरान किसी भी त्रुटि को सुधार लें, जिससे भविष्य में पेनाल्टी से बचा जा सके। साथ ही यह भी बताया कि डायवर्टेड खुले भूखंड, अवैध निर्माण और व्यवसायिक प्रयोजन के भवनों पर भी संपत्ति कर देय है। विशेष श्रेणियों को राहत देते हुए आयुक्त ने बताया कि निशक्तजनों को 25% तथा विधवा, तलाकशुदा और परित्यक्ता महिलाओं को 50% तक की छूट संपत्ति कर में दी जाती है।

भिलाई स्टील प्लांट (BSP) द्वारा जमा की गई विवरणियों में यदि किसी प्रकार का संदेह होगा, तो उनकी भी जांच की जाएगी। नगर निगम ने यह भी निर्णय लिया है कि स्वच्छता, जल आपूर्ति आदि आवश्यक सेवाओं को छोड़ शेष कर्मचारियों की ड्यूटी अब संपत्ति कर वसूली व जांच कार्यों में लगाई जाएगी। प्रशिक्षण सत्र में उप अभियंता सिद्धार्थ साहू और संपत्ति कर प्रभारी बी.एल. असाटी ने संपत्ति कर निर्धारण से जुड़ी तकनीकी जानकारियाँ साझा कीं।

इस अवसर पर जोन आयुक्त अजय राजपूत, सतीश यादव, अमरनाथ दुबे, कुलदीप गुप्ता, प्रोग्रामर दीप्ति साहू, राजस्व अधिकारी जेपी तिवारी, धीरज साहू, सहायक राजस्व अधिकारी और अन्य राजस्व कर्मी उपस्थित थे।