30 हजार स्क्वायर फीट जमीन पर चला BSP का बुलडोजर:दुर्ग के मरोदा और शिवपारा में भू-माफियाओं के कब्जे से जमीन को कराया गया मुक्त

भिलाई स्टील प्लांट के नगर सेवाओं की एनफोर्समेंट डिपार्टमेंट की टीम ने मंगलवार को स्टेशन मरोदा और शिव पारा में बेजा कब्जा पर बुलडोजर चलाया। बीएसपी की टीम ने कार्रवाई करते हुए भू-माफिया के कब्जे से 30 हजार स्क्वायर फीट जमीन को कब्जा मुक्त कराया। इस दौरान 10 से अधिक अवैध मकानों को तोड़ा गया। जानकारी के मुताबिक, बीएसपी की एनफोर्समेंट डिपार्टमेंट की टीम इस क्षेत्र में पिछले दो दिनों से कार्रवाई कर रही है। मंगलवार को उनकी टीम बीआरपी, एसआरयू प्लांट के पीछे शिवपारा, स्टेशन मरोदा, रेलवे ट्रैक के किनारे पहुंची।
टीम ने पहुंचते ही अवैध कब्जाधारकों और भू-माफियाओं के खिलाफ तोड़फोड़ की कार्रवाई शुरू कर दी। इस दौरान उनके साथ प्रवर्तन विभाग, भूमि विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों सहित पुलिस बल भी मौजूद रहा। बताया जा रहा है कि जब टीम बेजा कब्जा को तोड़ने की कार्रवाई कर रही थी, उस दौरान कुछ लोगों ने इसे रोकने का प्रयास किया। हालांकि मौके पर तैनात भारी संख्या में पुलिस जवानों ने विरोध की कोशिश को दबा दिया। बीएसपी अधिकारियों का कहना है कि सभी बेजा कब्जाधारकों को नोटिस जारी किया जा चुका है। जिन लोगों ने अभी तक अपना कब्जा नहीं छोड़ा है, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई जारी रहेगी।
बीएसपी के अधिकारियों ने बताया कि नेवई, स्टेशन मरोदा, शिव पारा में दर्जनभर भर एजेंट और भू-माफिया सक्रिय हैं। उनके द्वारा बीएसपी की जमीन पर प्लॉट काटा जाता है। उसके बाद धीरे-धीरे जमीन को दूसरों को बेच दिया जाता है। इतना ही नहीं उन्हीं लोगों के द्वारा बिल्डिंग मटेरियल की सप्लाई कर जमीन पर अवैध निर्माण भी करवाया जाता है। कई बार तो वे खुद मकान बनाकर दूसरों को बेच देते हैं।
तोड़ने पहुंची टीम तो कब्जाधारी दिखाने लगे दस्तावेज
बीएसपी के एनफोर्समेंट विभाग की टीम जब अवैध मकानों को तोड़ने पहुंची, तो वहां कुछ अवैध कब्जाधारियों ने उसका विरोध किया। उन्होंने बताया कि उन लोगों ने एजेंट से उस मकान को खरीदा है। विभाग के अधिकारियों ने उन्हें बताया कि यह जमीन बीएसपी की है। एजेंटों के खिलाफ सरकारी भूमि बेचने और फ्रॉड करने के मामले में थाने जाकर शिकायत दर्ज करवाइए।
दो दिनों में खड़ा कर देते हैं स्ट्रक्चर, फिर बेचते हैं लोगों को
लोगों ने बताया कि यहां सक्रिय एजेंट बीएसपी की जमीन पर भवन बनाने का काम छुट्टी के दिन करते हैं। सप्ताह में दो दिन छुट्टी मिल जाने पर दो दिनों के भीतर ही स्ट्रक्चर तैयार कर देते हैं। इसके बाद उसमें रहने के लिए परिवार को भेज देते हैं। जब उसमें परिवार रहने लगता है, तो उससे किराया लेते हैं और फिर बाद में मकान को दूसरे को बेच भी देते हैं।