BSP के फ्लाईओवर में आया क्रैक:25 करोड़ का ब्रिज 25 माह भी नहीं चला, आवागमन के लिए किया गया बंद

BSP के फ्लाईओवर में आया क्रैक:25 करोड़ का ब्रिज 25 माह भी नहीं चला, आवागमन के लिए किया गया बंद

BSP के फ्लाईओवर में आया क्रैक:25 करोड़ का ब्रिज 25 माह भी नहीं चला, आवागमन के लिए किया गया बंद

भिलाई इस्पात संयंत्र (BSP) के विस्तारीकरण परियोजना के तहत इक्यूपमेंट चौक के ऊपर से बने फ्लाई ओवर ब्रिज को महज 16 महीनों में ही बंद कर दिया गया। कारण था, अचानक ब्रिज में क्रैक आना। बड़ी अनहोनी के डर से बीएसपी प्रबंधन ने इसे बंद तो करा दिया, लेकिन अब सवाल ये है कि, इतने कम समय में ब्रिज में दरार कैसे आ गई।

25 करोड़ की लागत से बना ये ब्रिज नवंबर 2021 में तैयार हुआ था। BSP के निदेशक प्रभारी अनिर्बान दास गुप्ता और सेल के पूर्व निदेशक (कार्मिक) गणतंत्र ओझा ने इसका शुभारंभ किया था। दोनों अधिकारियों ने इसे बड़ी सौगात बताई थी। अब ठेकेदार सहित इंजीनियर्स की योग्यता पर सवाल उठने लगे हैं। स्थानीय लोग भी घटिया निर्माण कार्य पर सवाल उठा रहे हैं।

निर्माणकार्य के दौरान मिली थी गड़बड़ी
ओवर ब्रिज के घटिया निर्माण की जानकारी बीएसपी के अधिकारियों को उसी समय मिल गई थी, जब इस पर काम चल रहा था। दरअसल 11 साल पहले जब ब्रिज पर गर्डर डाला जा रहा था, तब वह अचानक भरभरा कर गिर गया था। इसके बाद ठेकेदार द्वारा किए गए निर्माण के खिलाफ बीएसपी ने जांच के आदेश दिए थे। इसके बाद भी बिना पुख्ता जांच किए इसे शुरू करा दिया गया था।

अब इस पूरे मामले पर BSP प्रबंधन का कहना है, ओवरब्रिज को शुरू करने से पहले बीएसपी की तकनीकी एजेंसी राइट्स से इसकी जांच कराई गई थी। भारी वाहनों के लोड को देखते हुए स्ट्रक्चर को मजबूती देने पर भी काम किया गया है। पूरे ओवरब्रिज के रिटेनिंग वॉल में जगह जगह पर होल करके लोहे का सरिया डाला गया था।

नीचे की सड़क पर फिर बढ़ा भारी वाहनों का दबाव
अब इस ब्रिज के बंद हो जाने से फिर से चौक में वाहनों का दबाव बढ़ गया है। जोकि पहले इस ओवर ब्रिज के शुरू होने से मुर्गा चौक के पास जो भारी वाहनों का दबाव होता था वो एकदम खत्म हो गया था। खुर्सीपार की तरफ से आने वाले सभी वाहन इस ब्रिज से होकर सीधे बोरिया गेट की तरफ निकल जाते थे।

2011 में शुरू हुआ था निर्माण कार्य
BSP ने यातायात के दबाव को देखते हुए सेक्टर-1 मुर्गा चौक पर ओवरब्रिज का निर्माण 2011 में शुरू कराया गया था। इसी दौरान बीएसपी प्रबंधन और निर्माण एजेंसी के बीच कुछ विवाद हो गया, जिसके चलते ब्रिज का कुछ काम कई सालों तक अधूरा पड़ा था। फिर 2021 में बचा हुआ काम पूरा कराया गया था। ओवर ब्रिज और एप्रोच रोड में लाइटिंग की व्यवस्था भी की गई। इसके साथ ही बोरिया गेट में भारी वाहनों के लिए 5500 वर्ग मीटर पार्किंग विकसित किया जा रहा है।