आयुक्त से की चर्चा:पेयजल सहित 18 समस्याओं को लेकर तीन दिन का अल्टीमेटम

आयुक्त से की चर्चा:पेयजल सहित 18 समस्याओं को लेकर तीन दिन का अल्टीमेटम

भिलाई शहर के अलग-अलग वार्डों में व्याप्त समस्याओं के समाधान के लिए भाजपा पार्षदों ने मोर्चा खोल दिया है। शुक्रवार को आयुक्त रोहित व्यास से मुलाकात की। 18 अलग-अलग समस्याओं पर चर्चा की‌। इसके समाधान के लिए तीन दिन का अल्टीमेटम दिया। पार्षदों ने कहा कि इसके बाद भी समस्याओं का निराकरण नहीं हुआ तो 6 जून को निगम मुख्यालय के सामने प्रदर्शन करेंगे।

उप नेता प्रतिपक्ष दया सिंह और अन्य पार्षदों ने कहा कि उनके वार्डों में विभिन्न प्रकार की समस्याएं हैं। गर्मी में पेयजल संकट गहरा गया है। अंदरूनी सड़कों का बुरा हाल है। सफाई व्यवस्था चौपट है। स्ट्रीट लाइट बंद हैं। 18 माह में समस्याओं के समाधान पर बात ही नहीं हुई है। यहां तक आरोप लगाया कि कमीशनखोरी का खेल चल रहा है।

18% कमीशन पर ठेका दिया जा रहा है। दया सिंह ने कहा कि निगम की आर्थिक स्थिति खराब है। सड़क, नाली और सफाई व पानी जैसे विषयों पर काम करने के लिए अलग से सेल का गठन होना चाहिए। लोगों की मूलभूत की समस्याएं दूर नहीं हो पा रही है।

ज्ञापन सौंपने वालों में पार्षद सचेतक वीणा चंद्राकर, महेश वर्मा, रिकेश सेन, प्रियंका साहू, गिरजा बंछोर, स्मिता दोड़के, नोहर वर्मा, ईश्वरी नेताम, सरिता बघेल, शकुंतला साहू, लक्ष्मी दिवाकर, सरिता देवी, विनोद चेलक, चंदेश्वरी बांधे आदि शामिल रहे।

पार्षदों ने गिनाई 18 महीने की 18 बड़ी समस्याएं
खम्हरिया, कोहका, कुरुद, वैशाली नगर, कैंप, छावनी और खुर्सीपार में पेयजल संकट गहरा गया है। सफाई व्यवस्था का बुरा हाल है। सफाई मजदूरों का शोषण हो रहा है। शहर की अंदरूनी सड़कों का बुरा हाल है। खुर्सीपार क्षेत्र में पानी के लिए संपवेल की व्यवस्था होनी चाहिए। बिजली कटौती भी हो रही है। अमृत मिशन के तहत पाइप लाइन बिछाने के बावजूद पानी घर तक नहीं पहुंचा है। छावनी में कैमिकल युक्त गंदे पानी की आपूर्ति हो रही है। सुपेला रोड की स्ट्रीट लाइट बंद है। सौंदर्यीकरण के नाम पर भारी भ्रष्टाचार हुआ है। अवैध प्लॉटिंग का खेल धड़ल्ले से चल रहा है। हुडको, वैशाली नगर, शांति नगर, कैंप, खुर्सीपार में सीवरेज लाइन की बड़ी समस्या है। श्रमिक बस्ती और आउटर के वार्डों में सीसीटीवी कैमरे लगाने चाहिए। उद्यानों का बुरा हाल है। गरीब जनता को भी प्रॉपर्टी टैक्स में दें। सेक्टर-7 स्पोर्ट्स कांप्लेक्स मामले में अब तक जांच रिपोर्ट का पता नहीं। संबंधितों के खिलाफ कार्रवाई भी नहीं हुई है। डेंगू जैसे संक्रमण का खतरा बढ़ा हुआ है।