क्यों इतनी बड़ी संख्या में आत्महत्या कर लेते हैं आईआईटी के स्टूडेंट्स? क्या कर रही सरकार और IITs
क्यों इतनी बड़ी संख्या में आत्महत्या कर लेते हैं आईआईटी के स्टूडेंट्स? क्या कर रही सरकार और IITs

IIT Students Commit Suicide: देश में जब भी सबसे अच्छे संस्थानों का जिक्र होता है तो आईआईटी का नाम सबसे ऊपर रखा जाता है. आईआईटी में एडमिशन के बाद माना जाता है कि बच्चों का भविष्य हर तरह से सुरक्षित ही होगा. हालांकि, आजकल देश के आईआईटी अपनी पढ़ाई या स्टूडेंट्स को मिलने वाले मोटे पैकेज की वजह से नहीं, बल्कि छात्रों की आत्महत्या के कारण चर्चा में है. आईआईटी मद्रास में बीटेक थर्ड ईयर के एक स्टूडेंट ने 14 मार्च 2023 को पंखे से लटककर आत्महत्या कर ली. इससे ठीक एक महीने पहले इसी संस्थान में पोस्ट-ग्रेजुएट के एक स्टूडेंट ने अपनी जान दे दी थी.
केंद्र सरकार ने 15 मार्च 2023 को संसद के उच्च सदन में बताया कि साल 2018 से 2022 के बीच आईआईटी, एनआईटी और आईआईएम जैसे देश के प्रतिष्ठित संस्थानों में 55 स्टूडेंट्स ने आत्महत्या कर ली. शिक्षा राज्यमंत्री सुभाष सरकार ने बताया कि 2018 में 11, साल 2019 में 16, वर्ष 2020 में पांच, 2021 में 16 और 2023 में अब तक 6 स्टूडेंट्स आत्महत्या कर चुके हैं. आखिर क्या कारण है कि आईआईटी, आईआईएम और एनआईटी जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में दाखिले के बाद भी स्टूडेंट्स आत्महत्या कर लेते हैं? सरकार और आईआईटी ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए क्या कदम उठा रहे हैं?
क्यों आत्महत्या कर लेते हैं स्टूडेंट्स?
देश के प्रतिष्ठित संस्थानों से आत्महत्या का हर मामला सामने आने के बाद सरकार, आईआईटी और मनोवैज्ञानिकों के स्तर पर ये जानने के प्रयास शुरू हो जाते हैं कि आखिर स्टूडेंट्स इतना बड़ा कदम किन हालातों में उठाते हैं. पिछले सालों में इस मुद्दे पर कई शोध व अध्ययन किए गए हैं. आइए जानते हैं कि उनसे निकले नतीजे स्टूडेंट्स की आत्महत्या के मामले में क्या कहते हैं…
पढ़ाई का दबाव: स्टूडेंट्स की आत्महत्या पर देश के सभी आईआईटी का कहना है कि पढ़ाई का बहुत ज्यादा दबाव और उसे मैनेज नहीं कर पाने स्टूडेंट्स ऐसा कदम उठा लेते हैं.