खपरी गांव में एथेनॉल प्लांट का विरोध तेज, ग्रामीणों ने कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर जताया आक्रोश
एथेनॉल प्लांट से कृषि, स्वास्थ्य और पर्यावरण पर संकट का अंदेशा
ग्रामीणों ने कलेक्टर व एसडीएम से की मुलाकात, मांग की योजना रद्द करने की
लिखा आश्वासन नहीं मिला तो आंदोलन की चेतावनी
दुर्ग जिले के ग्राम खपरी में प्रस्तावित एथेनॉल प्लांट के खिलाफ आज सैकड़ों ग्रामीणों ने मोर्चा खोल दिया। कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर उन्होंने इस परियोजना को रद्द करने की मांग की। ग्रामीणों का कहना है कि यह प्लांट गांव की खेती, पर्यावरण और सेहत के लिए खतरा बन सकता है।
दुर्ग। ग्राम खपरी में एथेनॉल प्लांट लगाने की योजना ने ग्रामीणों की चिंता बढ़ा दी है। सोमवार को गांव के सैकड़ों लोग कलेक्टर कार्यालय पहुंचे और अपना विरोध दर्ज कराया। प्रदर्शन करते हुए ग्रामीणों ने कलेक्टर अभिजीत सिंह से अपील की कि इस प्रस्तावित परियोजना को तत्काल रद्द किया जाए।
गांव के सरपंच सी एच चेलक ने बताया कि हाल ही में उद्योग विभाग से उन्हें एक पत्र प्राप्त हुआ है, जिसमें खपरी में एथेनॉल प्लांट लगाए जाने की जानकारी दी गई है। गांव की लगभग पूरी आबादी खेती-किसानी पर निर्भर है और ग्रामीणों का मानना है कि इस प्लांट के लगने से कृषि भूमि और वातावरण दोनों प्रभावित होंगे।
कुसुम, जो गांव की निवासी हैं, ने बताया कि, "पहले से ही एक उद्योग, केडिया कंपनी, यहां संचालित हो रही है जिससे खेतों में प्रदूषित पानी पहुंच रहा है और फसलें बर्बाद हो रही हैं। अब एक और उद्योग शुरू होता है तो नुकसान और गहरा होगा।"
मीना बाई, जो लाल साड़ी में मौजूद थीं, ने कहा कि, "इससे न रोजगार मिलेगा न ही स्वच्छ हवा। बच्चों की सेहत पहले से ही खराब हो रही है। हम किसी भी हाल में दूसरा उद्योग नहीं लगने देंगे।"
प्रदर्शन के दौरान ग्रामीणों ने एसडीएम थॉमस से भी मुलाकात की। एसडीएम ने उन्हें आश्वासन दिया कि उनकी बात उच्च स्तर पर पहुंचाई जाएगी। हालांकि, ग्रामीणों का कहना है कि अब वे केवल आश्वासनों से संतुष्ट नहीं हैं – जब तक लिखित में आदेश नहीं मिलेगा, विरोध जारी रहेगा।
ग्रामीणों की एकजुट मांग है कि गांव की पारंपरिक कृषि व्यवस्था, पर्यावरण और स्वास्थ्य को बचाने के लिए इस औद्योगिक परियोजना को रोका जाए। अगर प्रशासन ने जल्द कोई ठोस निर्णय नहीं लिया, तो वे बड़े आंदोलन की राह पर उतरने को तैयार हैं।