टंगिया और त्रिशूल से हमला कर युवक की हत्या:पहचान छुपाने के लिए जलाया शव

टंगिया और त्रिशूल से हमला कर युवक की हत्या:पहचान छुपाने के लिए जलाया शव

दुर्ग जिले के रसमड़ा सतबहनिया मंदिर परिसर के मंच में 5 महीने पहले एक युवक की टंगिया और त्रिशूल मारकर हत्या कर दी गई थी। उसका शव अधजली हालत में मंदिर परिसर में मिला था। इस हत्या के मामले में पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। हत्या और किसी ने नहीं बल्कि उस मंदिर के केयरटेकर ने की थी।

आरोपी को न्यायिक हिरासत में भेजती पुलिस

दुर्ग एएसपी सिटी अभिषेक झा ने बताया कि मामला 30 जुलाई 2023 का है। सतबहनिया मंदिर रसमड़ा के मंच में एक 30-40 साल के युवक का शव मिला था। उसके शरीर में त्रिशूल खोंपा गया था। उसके शरीर को जला दिया था। पुलिस चौकी अंजोरा पुलिस अज्ञात आरोपी के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर जांच कर रही थी। जांच के दौरान पता चला कि सतबहनिया मंदिर का केयरटेकर रामचरण चंद्राकर काफी दिनों से फरार है। मुखबिर की सूचना पर पुलिस ने घर आते समय घेराबंदी कर रामचरण को गिरफ्तार लिया। पूछताछ में उसने युवक की हत्या करना स्वीकार किया। पुलिस ने आरोपी की निशानदेही पर झाड़ियों में छुपाकर रखी गई टंगिया को जब्त कर लिया है।

शहर एएसपी झा ने बताया कि 27 जुलाई 2023 को रामचरण लोकल ट्रेन से साल्हेकसा महाराष्ट्र से उतरकर पटरी-पटरी डिब्बा उठाते हुए दर्रेकसा की तरफ जा रहा था। इसी बीच रेलवे ट्रैक पर राजू मिला। उसने कहा कि वो बेघर है। तुम जहां रहते हो मुझे भी ले चलो।

इसके बाद वो राजू को अपने साथ रसमड़ा सतबहनिया मंदिर ले आया। यहां कुछ घंटे रूकने के बाद शाम को वह मंदिर से चला गया। दूसरे दिन वो फिर आया और रात आरोपी के साथ सतबहनिया मंदिर में रुका। इसके बाद फिर सुबह 4 बजे उठकर चला गया। इस तरह वो आना जाना करता था। रामचरण ने पुलिस को बताया कि राजू शराब पीने का आदि था। 30 जुलाई को वो मंदिर में बैठकर शराब पी रहा था और मछली भी खाया था। वो अपने साथ एक बोरी में कुछ लाया था। पूछने पर बताया कि रेलवे का सामान है। रामचरण इस पर नाराज हुआ और उससे कहा कि यहां रेलवे का सामान क्यों लाए हो। वो मंदिर में अकेले रहता है, ऐसे में उसे पुलिस पकड़कर ले जाएगी।

ऐसा मत किया करो। इतने में राजू रामचरण से गाली गलौज करने लगा। इससे दोनों के बीच मारपीट हो गई। इसी दौरान राजू मंदिर के अंदर लगे त्रिशुल को तोड़ दिया और मंदिर परिसर में स्थापित शिवलिंग में लपटे नाग के प्रतिरूप को तोड़ने लगा। जब वो नहीं माना तो रामचरण ने वही त्रिशूल उसके पेट में घोंप दिया।

राम चरण ने बताया कि राजू मंदिर में तोड़फोड़ कर रहा था। जब उससे बर्दाश्त नहीं हुआ तो वो मंदिर में रखे टंगिया को लेकर आया और राजू को जान से मारने के लिए दौड़ाया। राजू जान बचाकर मंच में चढ़ने लगा तो उसी समय रामचरण ने टंगिया से उसके गर्दन में मार दिया। जिससे राजू वही ढेर हो गया। इसके बाद उसके पेट में त्रिशूल घोंप दिया। इससे राजू मंच में गिर गया।

उसकी पहचान छुपाने के लिए अपने ओढ़ने बिछाने के लिये रखे कंबल, पहनने वाले कपड़े और मंदिर के पेटी में रखे कपड़े डालकर उसके शव को जला दिया। इसके बाद टंगिया को मंदिर के पास झाड़ी में छिपाकर वहां से भाग कर रसमड़ा रेलवे ट्रैक आ गया। वहां पर एक कोयले से भरी ट्रेन में चढ़कर मुढ़ीपार स्टेशन चला गया। फिर लोकल ट्रेन से रायपुर रेलवे स्टेशन चला गया। इसके बाद यहीं रहने लगा था।